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डिजिटल डेस्क। रेलवे ने यात्री किराए में बढ़ोतरी का ऐलान किया है। यह बढ़ोतरी 2 पैसे प्रति किलोमीटर के आधार पर की गई है, जिसका असर भोपाल से देश के प्रमुख शहरों की यात्रा पर पड़ेगा। इस वृद्धि में 5 प्रतिशत जीएसटी और राउंड-ऑफ भी शामिल है।
नई दिल्ली जाने पर यात्रियों को लगभग 15 रुपये अतिरिक्त देने होंगे, जबकि मुंबई (CSMT) तक यात्रा करने पर किराया करीब 18 रुपये बढ़ेगा। पुणे के लिए यह बढ़ोतरी लगभग 19 रुपये, नागपुर के लिए 8 रुपये और इंदौर व जबलपुर के लिए लगभग 6-6 रुपये होगी। लखनऊ जाने पर किराए में करीब 12 रुपये की वृद्धि होगी।

दक्षिण भारत की लंबी दूरी की यात्राओं में बढ़ोतरी ज्यादा रहेगी। बेंगलुरु जाने पर लगभग 30 रुपये, चेन्नई के लिए 31 रुपये और हैदराबाद के लिए करीब 20 रुपये अधिक चुकाने होंगे। वहीं अहमदाबाद और जयपुर की यात्रा पर लगभग 13-13 रुपये किराया बढ़ेगा। कोलकाता के लिए यह बढ़ोतरी करीब 29 रुपये और वैष्णो देवी यात्रा पर लगभग 28 रुपये तक हो सकती है।
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इस तारीख से लागू होंगी नई दरें
भारतीय रेलवे की तरफ से दी गई जानकारी के अनुसार, किराए की नई दरें 26 दिसंबर 2025 से लागू कर दी जाएंगी। हालांकि, रेलवे की तरफ से यह भी स्पष्ट किया गया है कि लोकल ट्रेनों और मासिक सीजन टिकट (MST) के दामों में कोई बदलाव नहीं किया गया है।
लंबी दूरी की यात्राओं पर असर
26 दिसंबर से लागू होने वाली किराया बढ़ोतरी का सीधा असर लंबी दूरी की यात्राओं पर पड़ेगा। साधारण श्रेणी में 215 किलोमीटर तक के सफर पर कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं लगाया गया है, लेकिन इससे अधिक दूरी तय करने पर प्रति किलोमीटर 1 पैसा बढ़ाया गया है। वहीं मेल-एक्सप्रेस और एसी श्रेणी की ट्रेनों में प्रति किलोमीटर 2 पैसे अतिरिक्त वसूले जाएंगे।
इसका मतलब है कि 500 किलोमीटर की नॉन-एसी यात्रा करने वाले यात्रियों को करीब 10 रुपये ज्यादा चुकाने होंगे। रेलवे का अनुमान है कि इस संशोधन से करीब 600 करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व प्राप्त होगा। किराए में यह बढ़ोतरी खास तौर पर लंबी दूरी तय करने वाले यात्रियों के बजट पर असर डालेगी।
रेलवे को मिलेगा 600 करोड़ का अतिरिक्त राजस्व
रेलवे के इस फैसले का मुख्य उद्देश्य आय बढ़ाना है। किराया संशोधन से होने वाली अतिरिक्त कमाई का इस्तेमाल परिचालन और रखरखाव से जुड़े खर्चों को संतुलित करने में किया जाएगा। इसमें रेलवे स्टेशनों की सुविधाओं में सुधार, कोचों के रखरखाव और सुरक्षा इंतजामों को मजबूत करना शामिल है। पिछले एक दशक में रेलवे नेटवर्क और संचालन का काफी विस्तार हुआ है, जिससे देश के दूरस्थ इलाकों तक कनेक्टिविटी बढ़ी है और उसी के अनुरूप खर्च भी बढ़ा है।