Bhopal Railway News: ट्रैक के किनारे पौधे लगवा रहा रेलवे, रेलयात्रियों को होगा जंगल की सैर का एहसास
पांच साल में रेलवे ट्रैक के किनारे का हिस्सा हरा-भरा करने की योजना। छायादार और फूलदार पौधे लगाने पर जोर।
By Ravindra Soni
Edited By: Ravindra Soni
Publish Date: Sun, 06 Jun 2021 01:16:44 PM (IST)
Updated Date: Sun, 06 Jun 2021 01:16:44 PM (IST)

Bhopal Railway News: भोपाल, नवदुनिया प्रतिनिधि। आने वाले पांच साल में रेलवे ट्रैक के किनारे का हिस्सा हरा-भरा हो जाएगा। इससे ट्रेन में सफर करने वाले यात्रियों को हरियाली का एहसास होगा। रेलवे ने पौधे लगाने का काम दो साल पहले शुरू किया था, जिसका विस्तार इस बार भी किया जा रहा है। भोपाल रेल मंडल में रेलवे ट्रैक के दोनों ओर पौधे लगाने की योजना पर काम किया जा रहा है। दो साल पहले रेलवे फाटक क्षेत्र में मिनी पार्क विकसित करने का काम शुरू किया था, जिनमें लगाए पौधे बड़े हो गए हैं। मंडल के प्रत्येक रेलवे फाटक क्षेत्र के आसपास मिनी पार्क तैयार हो गए हैं। ज्यादातर हिस्सों में लगाए पौधे भी बड़े हो रहे हैं। अब रेलवे की योजना है कि रेलवे ट्रैक के किनारे खाली बची जमीन पर पौधे लगाए जाएं। छायादार और फूलदार पौधे लगाने पर जोर दिया जा रहा है। बीना से भोपाल के बीच हजारों पौधे लगा दिए गए हैं। विदिशा से सलामतपुर के बीच रेलवे ट्रैक के किनारे फूलदार पौधे लगाकर यात्रियों का ध्यान खींचा है। हबीबगंज से बरखेड़ा के बीच भी पौधे लगाए गए हैं।
अभी तक रेलवे ट्रैक के किनारे नहीं थी हरियाली
घने जंगल से गुजरने वाले रेलवे ट्रैक को छोड़ दिया जाए तो बाकी के हिस्सों में ट्रैक के किनारे हरियाली नहीं थी। पिछले दो सालों से इसका स्तर बढ़ा है। आने वाले दो सालों में लगाए गए पौधे पेड़ की शक्ल लेने लगेंगे। तब हरियाली का स्तर और बढ़ जाएगा और ट्रेन से सफर करने वाले यात्रियों को जंगल से गुजरने का एहसास होगा। रेलवे द्वारा ट्रैक के उस हिस्से में पौधे लगाए जा रहे हैं, जहां आने वाले सालों में किसी तरह की कोई निर्माण गतिविधि प्रस्तावित होना संभव नहीं है। जिन क्षेत्रों में निर्माण संबंधी योजनाओं पर विचार चल रहा है, उन क्षेत्रों में पौधे नहीं लगाए जा रहे हैं।
रेलवे के एक अधिकारी ने बताया कि जंगल के अंदर से गुजरने वाले रेलवे ट्रैक के किनारे की हरियाली देखते ही बनती है। यात्रियों का मन सुकून का अहसास करता है। यात्री इसी तरह की हरियाली का अनुभव समूचे रेलवे ट्रैक के किनारे चाहते हैं। इस बात को ध्यान में रखते हुए हरियाली का स्तर बढ़ाने के लिए पौधे लगाने पर जोर दे रहे हैं। पीपल, बरगद जैसे बड़े का रोपण बिल्कुल भी नहीं करने के निर्देश हैं। यह पौधे जब पेड़ बनते हैं तो काफी बड़े हिस्से को घेरते हैं। इस तरह रेल आवागमन में असुविधा हो सकती है, इसलिए नीम, गुलमोहर, शीशम, कुसुम जैसी प्रजाति के छायादार पौधे लगाए जा रहे हैं।