Railway News:भोपाल (नवदुनिया प्रतिनिधि)। महामारी में लोगों को रियायतों की जरूरत होती है। सरकारें कई रूपों में ये रियायतें दे भी रही हैं, लेकिन रेलवे है कि हजारों यात्रियों से रोजाना 25 से 30 फीसद अधिक किराया ले रहा है। यह किराया विशेष ट्रेनों के नाम पर लिया जा रहा है। ये वो ट्रेनें हैं जो रक्षाबंधन त्योहार पर अधिक दबाव वाले रेल मार्गों पर चलाई जा रही हैं। इनमें यात्रियों को अतिरिक्त सुविधा नहीं दी जा रही है, बल्कि रोजाना चलने वाली ट्रेनों के समान ही इंतजाम हैं। रेलवे का तर्क है कि स्पेशल ट्रेनों को चलाने में अलग से इंतजाम करने पड़ते हैं। अधिक किराया वसूल करना नई बात नहीं है। रेलवे शुरू से ही इन ट्रेनों में अधिक किराया लेता है लेकिन जानकारों का कहना है कि कोरोना के प्रभाव को देखते हुए रेलवे को सामान्य ट्रेनों की तरह ही किराया लेना चाहिए। भोपाल व हबीबगंज समेत पश्चिम मध्य रेलवे से सप्ताह में 15 से अधिक त्योहार विशेष ट्रेनें गुजर रही हैं। इनकी संख्या 20 अगस्त के बाद और बढ़ जाएगी।
बता दें कि एक तरफ तो सरकारें कोरोना से प्रभावित लोगों की मदद कर रही हैं। राशन का वितरण किया जा रहा है। अनुकंपा नियुक्ति के प्रकरण जल्द निपटाए जा रहे हैं। सरकार ने कोरोना से अनाथ हुए बच्चों की पढ़ाई-लिखाई का जिम्मा ले लिया है। कुल मिलाकर कई तरह की रियायतें दी जा रही हैं। वहीं, दूसरी तरफ रेलवे अतिरिक्त किराया वसूल रहा है। कोरोना की पहली लहर के बाद भी रेलवे ने ऑनलाइन बुक किए जाने वाले रेल टिकटों पर सुविधा शुल्क लिया था। बाद में ट्रेनें निरस्त की तो टिकट भी निरस्त कर दिए गए लेकिन सुविधा शुल्क के नाम पर लिए गए करोड़ों रुपये नहीं लौटाए गए। यह शुल्क इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कार्पाेरेशन (भारतीय) ने लिया था, जो रेलवे का उपक्रम है।
अधिक किराया को ऐसे समझे
ट्रेन--स्टेशन से--स्टेशन तक---स्लीपर---फर्स्ट एसी---सेकंड एसी--थर्ड एसी
रेवांचल सामान्य (02185) -- हबीबगंज---रीवा---355---2180---1310---935
रेवांचल विशेष (01657)-- हबीबगंज--रीवा---450---0---1670---1195
कुशीनगर सामान्य (02538)--भोपाल---गोरखपुर--465--0--1735--1225
गोरखपुर विशेष (02575)---भोपाल---गोरखपुर---590--0--2155--1565
(नोट :- रेलवे के पोर्टल से प्राप्त जानकारी में सामान दूरी तक चलने वाली दो सामान्य व दो त्योहार विशेष ट्रेनों का किराया शामिल है।)
वर्जन
कोरोना संक्रमण में लोगों की आर्थिक स्थिति को देखते हुए रेलवे को विशेष ट्रेनों से विशेष किराए का प्रविधान हटाना चाहिए। वैश्विक महामारी से जूझ रहे नागरिकों को सहूलियत देना चाहिए।
-निरंजन वाधवानी, सदस्य मंडल रेल उपयोगकर्ता सलाहकार समिति, भोपाल
वर्जन
ऐसा नहीं है कि सरकार कोरोना से प्रभावितों की मदद नहीं करना चाहती लेकिन रेलवे के जिम्मेदार अधिकारी ही ठीक से मामलों को समझा नहीं पा रहे हैं। इस वजह से महामारी में भी विशेष किराया वसूला जा रहा है, जो गलत है।
-सुरेंद्र तिवारी, सदस्य मंडल रेल उपयोगकर्ता सलाहकार समिति
वर्जन
ट्रेनों का किराया वरिष्ठ स्तर से तय होता है। यात्रियों को सहूलियत देने की बात है तो रेलवे के कर्मचारियों ने लॉकडाउन व अधिक संक्रमण जैसे समय ट्रेनें चलाकर लोगों तक दवाइयां, अनाज व जरूरत का अन्य सामान पहुंचाकर योगदान दिया है।
-आइए सिद्दीकी, वरिष्ठ प्रवक्ता पश्चिम मध्य रेलवे