अभिषेक दुबे, भोपाल। नवदुनिया। Rajiv Gandhi University of Technology राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय ने ऑल इंडिया कॉउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन का मॉडल करिकुलम लागू करने जा रहा है। इसके लागू होने के बाद इंजीनियरिंग के छात्रों को एक साथ दो ब्रांच की डिग्री मिल सकेगी। आरजीपीवी से मिलने वाली डिग्री पर ही छात्रों द्वारा किए गए दोनों ब्रांच के नाम लिखे होंगे। एक ब्रांच नियमित के तौर पर लिखी जाएगी। जबकि एक विशेषज्ञता के तौर पर लिखी जाएगी। इससे छात्रों के लिए सीधे तौर पर रोजगार के अवसर बढ़ जाएंगे। दरअसल, एआईसीटीई ने मॉडल करिकुलम तैयार किया था। इसके तहत छात्र अपनी मूल ब्रांच के साथ एक और ब्रांच को पढ़कर उसमें डिग्री हासिल कर सकेगा। छात्रों को मूल ब्रांच में 160 क्रेडिट हासिल करने होंगे। ऐसा करने पर वो माइनर इंजीनियरिंग करने के लिए पात्र हो जाएगा। इसके बाद ऑप्शनल के तौर पर चयन करने वाली ब्रांच में 20 क्रेडिट हासिल करने होंगे। छात्र को जब डिग्री दी जाएगी तो उसमें दोनों ब्रांच का जिक्र किया जाएगा।
अभी आरजीपीवी ने ओपन इलेक्टिव इंजीनियरिंग की शुस्र्आत कर दी है। इसके तहत 13 ब्रांच को अलग अलग ग्रुप में बांटा गया है। छात्र अपने ग्रुप की ब्रांच के साथ ही उसी ग्रुप की एक ओर ब्रांच को चुन सकता है। छात्रों के लिए यह व्यवस्था पांचवे सेमेस्टर में लागू की गई है। ग्रुप में आपस में जुड़ी हुई ब्रांच को रखा गया है। आरजीपीवी ने नई व्यवस्था की जानकारी देने के लिए अलग अलग प्रशिक्षण कार्यक्रमों की भी शुरुआत कर दी है। जिससे छात्रों समेत फैकल्टी को नई व्यवस्था के बारे में जानकारी मिल सके।
इनका कहना है
आरजीपीवी मॉडल करिकुलम लागू करने पर काम कर रहा है। इससे छात्रों को दो ब्रांच एक साथ डिग्री मिल सकेगी। एक ब्रांच उसकी मूल होगी जबकि दूसरी विशेषज्ञ के तौर पर होगी। इससे छात्रों के सामने रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। प्रो सुनील कुमार, कुलपति आरजीपीवी