
Rajya Sabha Election 2024: राज्य ब्यूरो, भोपाल। मध्य प्रदेश की पांच राज्य सभा सीटों पर होने वाले चुनाव में भारतीय जनता पार्टी मध्य प्रदेश को तीन सीटें दे सकती है। पार्टी एक अन्य सीट पर केंद्र से प्रत्याशी भेज सकती है। पार्टी सूत्रों के मुताबिक फिलहाल मध्य प्रदेश से भेजे गए धर्मेंद्र प्रधान और डा. एल मुरुगन का कार्यकाल दो अप्रैल को समाप्त हो रहा है, इन दोनों ही नेताओं को पार्टी लोकसभा चुनाव लड़वाने की तैयारी में है। बचे दो राज्य सभा सदस्य मध्य प्रदेश से हैं। इनमें अजय प्रताप सिंह और कैलाश सोनी का भी कार्यकाल समाप्त होने जा रहा है।
भाजपा नेताओं के अनुसार पार्टी चाहती है कि एक-एक एससी-एसटी और एक सामान्य वर्ग से प्रत्याशी बनाया जाए। चूंकि, नरेंद्र सिंह तोमर और राकेश सिंह दोनों ही केंद्रीय राजनीति से प्रदेश की सियासत में भेज दिए गए हैं और अरविंद भदौरिया विधानसभा चुनाव हार गए हैं, ऐसे में पार्टी किसी बड़े क्षत्रिय चेहरे पर दांव लगा सकती है या कोई नया क्षत्रिय चेहरा ला सकती है।
ग्वालियर-चंबल में केवल जयभान सिंह पवैया का ही ऐसा चेहरा है। वहीं, अनुसूचित जाति वर्ग से पार्टी और संघ सत्यनारायण जटिया को एक अवसर देना चाहते हैं। जटिया भाजपा के वरिष्ठ नेता हैं और इन दिनों संसदीय बोर्ड के सदस्य भी हैं। पहले वे लंबे समय तक उज्जैन से सांसद रहे और अटल सरकार में मंत्री भी रहे।

विकल्प के रूप में प्रदेश संगठन ने लाल सिंह आर्य व निशांत खरे का नाम भी रखा है। अनुसूचित जनजाति वर्ग से रंजना बघेल को भी पार्टी ने लोकसभा या राज्यसभा में भेजने का आश्वासन दिया था। ओबीसी वर्ग से मुख्यमंत्री होने के कारण भाजपा अन्य वर्ग और भौगोलिक क्षेत्र के बीच संतुलन साधना चाह रही है। फिलहाल यह तय नहीं किया गया है कि विधानसभा चुनाव में हारने वाले नेताओं को पार्टी राज्य सभा भेजेगी या नहीं, यदि ऐसा हुआ तो कई बड़े दावेदारों के नाम कट जाएंगे।
उल्लेखनीय है कि आठ फरवरी से नामांकन की प्रक्रिया प्रारंभ होगी। 15 फरवरी तक नामांकन स्वीकार किए जाएंगे। नाम 20 फरवरी तक वापस लिए जा सकेंगे। आवश्यकता होने पर मतदान सुबह नौ से चार बजे तक कराया जाएगा। पांच बजे से मतगणना होगी और फिर परिणाम घोषित कर दिए जाएंगे। राज्यसभा चुनाव के लिए मध्य प्रदेश से रिक्त होने वाली पांच सीटों में से चार भाजपा और एक कांग्रेस के पास है।
230 सदस्यीय विधानसभा में दलीय स्थिति के अनुसार चार सीटें फिर भाजपा को मिलनी तय है। पार्टी के 163 विधायक हैं। एक सदस्य के निर्वाचन के लिए 39 मतों की आवश्यकता होगी। इस हिसाब से देखा जाए तो फिर भाजपा के चार सदस्य चुनकर आएंगे। वहीं, कांग्रेस एक सदस्य निर्वाचित कराने की स्थिति है। कांग्रेस के विधायक की संख्या 66 है, जबकि एक सदस्य भारत आदिवासी पार्टी से है।