भोपाल (नवदुनिया स्टेट ब्यूरो)। Rajya Sabha Election राज्यसभा में मध्यप्रदेश से रिक्त हो रही तीन सीटों पर चुनाव के लिए कांग्रेस और भाजपा ने दो-दो प्रत्याशी उतार दिए हैं। इससे चुनाव में मतदान की संभावनाएं बढ़ गई हैं। विधानसभा के 22 सदस्यों के इस्तीफे स्वीकार कर लिए जाने की स्थिति में कांग्रेस और भाजपा को उनकी रिक्त हो रही सीटों पर न नुकसान होगा, न फायदा मिलेगा। मगर इस्तीफे देने वाले विधायकों द्वारा कांग्रेस के पक्ष में मतदान करने पर ही पार्टी को दो सीटों पर अपने प्रत्याशी जिताने की स्थिति बन सकती है। कांग्रेस और भाजपा के तीन प्रत्याशी शुक्रवार को नामांकन पर्चे दाखिल करेंगे।
राज्यसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने गुरुवार की शाम दो प्रत्याशियों के नामों का एलान किया, जिनमें पहले नंबर पर दिग्विजय सिंह का नाम है तथा दूसरे नंबर फूल सिंह बरैया को उतारा जा रहा है। दिग्विजय सिंह अभी राज्यसभा सदस्य हैं और नौ अप्रैल को उनका कार्यकाल पूरा हो रहा है।
पार्टी ने उन्हें दूसरी बार राज्यसभा भेजने का फैसला किया है। दिग्विजय सिंह को पार्टी ने लोकसभा चुनाव में भोपाल से प्रत्याशी बनाया था, लेकिन वे साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर से हार गए थे। सिंह ने गुरुवार को नामांकन पर्चा भर दिया है। वहीं, कांग्रेस के राज्यसभा के दूसरे प्रत्याशी फूलसिंह बरैया बहुजन समाज पार्टी के नेता रहे हैं जिन्होंने बाद में अपना अलग राजनीतिक दल बना लिया था। बरैया को कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव के दौरान अपने साथ ले लिया था। बरैया शुक्रवार को नामांकन पत्र दाखिल करेंगे।
इधर, भाजपा ने भी राज्यसभा चुनाव में दो प्रत्याशी उतारने का एलान किया है। पहले नंबर पर उन्होंने कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया को रखा है और दूसरे नंबर पर बड़वानी निमाड़ के सुमेर सिंह सोलंकी को प्रत्याशी बनाया है। डॉ. सोलंकी संघ से जुड़े हैं और आदिवासी समुदाय से आते हैं। वे विधानसभा और लोकसभा चुनाव की दावेदारी भी कर चुके हैं।
उल्लेखनीय है कि यह पहले से ही तय माना जा रहा था कि पार्टी एक सीट आदिवासी वर्ग के व्यक्ति को देगी। डॉ. सोलंकी बड़वानी पीजी कॉलेज में सहायक प्राध्यापक और भोज मुक्त विश्वविद्यालय के इंदौर संभाग के क्षेत्रीय निदेशक हैं। भाजपा ने इसके पहले ज्योतिरादित्य सिंधिया को पार्टी पहले ही उम्मीदवार घोषित कर चुकी है। दोनों नेता नामांकन के आखिरी दिन शुक्रवार को अपने पर्चे दाखिल करेंगे।
क्या बनेगा जीत का गणित
विधानभा में मौजूदा सदस्य संख्या- 228
कांग्रेस- 114
भाजपा- 107
निर्दलीय व अन्य - 07
इस्तीफे देने वाले सदस्य- 22
अगर इस्तीफे स्वीकार होते हैं तो सदस्य संख्या होगी - 206
कांग्रेस- 92
भाजपा- 107
राज्यसभा चुनाव में एक प्रत्याशी को जीत में विधायकों के मत की जरूरत की संख्या:
पूरे 228 सदस्य संख्या पर- 58
कांग्रेस को दो तथा भाजपा को एक सीट मिलेगी।
206 की सदस्य संख्या पर- 52
कांग्रेस को एक सीट और भाजपा को दो सीटें मिलेंगी। भाजपा में सेंध लगाकर कांग्रेस चार विधायकों को अपने पक्ष में वोट कराती है तो कांग्रेस को दो सीटें मिलने की संभावना है।
दस सदस्यों की वापसी में- 55
कांग्रेस-भाजपा को एक-एक सीट आसानी से मिलेंगी और दूसरी सीट में बसपा-सपा व निर्दलीय की भूमिका मुख्य होगी।