
राज्य ब्यूरो, नईदुनिया, भोपाल। बिना साप्ताहिक अवकाश के ड्यूटी से उत्पन्न तनाव से मुक्ति के लिए अब मध्य प्रदेश में ध्यान को पुलिसकर्मियों की दिनचर्या का हिस्सा बनाया जा रहा है। इससे पुलिसकर्मियों में आमजन से बेहतर व्यवहार की प्रेरणा भी मिलेगी और उनमें अनुशासन भी आएगा। इसकी शुरुआत पुलिस में भर्ती के साथ प्रशिक्षण के दौरान ही हो जाएगी। आरक्षक से लेकर डीएसपी तक सभी को सोने के पहले आधा घंटा ध्यान करना सिखाया जा रहा है। पुलिस मुख्यालय ने ध्यान सिखाने के लिए हार्टफुलनेस संस्था से एमओयू किया है।
इसकी शुरुआत हाल ही में करीब चार हजार पुलिस आरक्षकों के प्रशिक्षण से हो गई है। हर प्रशिक्षु आरक्षक सोने के पूर्व ध्यान कर रहा है। अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (प्रशिक्षण) राजा बाबू सिंह का कहना है कि संभवतः किसी राज्य में ऐसा नहीं है कि प्रशिक्षण के दौरान ही पुलिसकर्मियों को ध्यान कराया जा रहा हो।
उन्होंने बताया कि प्रशिक्षण केंद्रों में दिन में भी समय मिलने पर प्रशिक्षित पुलिस आरक्षक ध्यान कर लेते हैं। थानों में भी शाम को गणना के बाद ध्यान कराने के लिए कहा गया है। बता दें, पुलिस प्रशिक्षण केंद्रों में श्रीरामचरितमानस और श्रीमद्भगवद्गीता का पाठ भी करवाया जा रहा है। ध्यान सिखाने के लिए मास्टर ट्रेनर भी तैयार किए जा रहे हैं।
कान्हा शांति वनम हैदराबाद में मध्य प्रदेश पुलिस के मास्टर ट्रेनर प्रशिक्षण लेते हैं। पहली बैच में 350 और दूसरे में 76 पुलिसकर्मियों को प्रशिक्षण दिलाया गया। अगले चरण में रक्षित निरीक्षक, निरीक्षक और उप निरीक्षक मिलाकर 129 लोगों का बैच 21 से 23 नवंबर तक प्रशिक्षण लेगा।
प्रदेश में कुल एक लाख 600 पुलिसकर्मी हैं, जबकि स्वीकृत बल एक लाख 25 हजार है। बल की कमी के चलते उन्हें साप्ताहिक अवकाश तक नहीं दिया जा रहा है। तनाव के कारण पुलिस और आमजन के बीच विवाद के मामले बढ़ रहे हैं। ताजा मामला भोपाल का है जहां पुलिसकर्मियों की पिटाई से एक युवक की मौत हो गई।
सभी प्रशिक्षण केंद्रों में प्रशिक्षु आरक्षक शाम को ध्यान कर रहे हैं। इसके अच्छे परिणाम देखने को मिल रहे हैं। प्रशिक्षण केंद्रों में यह व्यवस्था लागू रहेगी। - राजा बाबू सिंह, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (प्रशिक्षण)