नईदुनिया प्रतिनिधि, भोपाल। राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (आरजीपीवी) भोपाल में एक बार फिर रैगिंग का मामला सामने आया है। बीती आठ सितंबर को छात्रावास में सिविल ब्रांच की प्रथम वर्ष की छात्राओं के साथ इंट्रोडक्शन प्रोग्राम में रैगिंग की गई।
मामले में विवि के प्रोक्टोरियल बोर्ड ने द्वितीय वर्ष की दो छात्राओं को दोषी पाया है और उनके विरुद्ध गुरुवार को अनुशासनात्मक व दंडात्मक कार्रवाई करते हुए छात्रावास से निष्कासित कर दिया है। वहीं इनके साथ रैगिंग में सहयोग करने वाली तीन छात्राओं पर एक-एक हजार रुपये का आर्थिक दंड लगाया गया है।
इसके अलावा संबंधित विभागाध्यक्ष को निर्देशित किया गया है कि छात्राओं के अभिभावकों को बुलाकर उनकी गतिविधियों से अवगत कराएं और नोटरी से प्रमाणित कराकर एक शपथ-पत्र भी दिलवाएं।
इसमें लिखा होगा कि भविष्य में ये छात्राएं रैगिंग जैसी गतिविधियों में शामिल नहीं होंगी। बता दें आरजीपीवी में एक माह में चौथा मामला एंटी रैगिंग हेल्पलाइन में दर्ज हुआ है। इस घटना से छात्रावास का माहौल तनावपूर्ण हो गया है।
विश्वविद्यालय के यूआईटी कन्या छात्रावास में सिविल ब्रांच की प्रथम वर्ष की छात्राओं ने द्वितीय वर्ष की कुछ छात्राओं पर इंट्रोडक्शन प्रोग्राम के दौरान भद्दे और अश्लील सवाल पूछने के आरोप लगाए थे। बताया गया कि पहले तो सामान्य सवाल नाम, पता और पढ़ाई के बारे में पूछे गए, बाद में अश्लील शब्दों का प्रयोग करते हुए भद्दे प्रश्न पूछे जाने लगे। इससे कई छात्राएं रोने लगीं। पीड़ित छात्राओं ने पहले छात्रावास प्रबंधन से शिकायत की और बाद में मामला यूजीसी की एंटी रैगिंग सेल तक पहुंचाया।
वहीं राष्ट्रीय विधि संस्थान विश्वविद्यालय (एनएलआइयू) में 15 दिनों के अंदर दूसरी बार मारपीट और रैगिंग की घटना सामने आई है। यूजीसी की एंटी रैगिंग हेल्पलाइन पर इसकी शिकायत दर्ज की गई है। बीएएलएलबी चतुर्थ वर्ष के विद्यार्थी ने तीसरे वर्ष के विद्यार्थी के साथ मारपीट की है। इसमें दोनों छात्र घायल हुए हैं। बता दें कि इससे पहले भी रैगिंग की शिकायत हुई थी। दोनों मामलों में संस्थान की एंटी रैगिंग समिति विद्यार्थियों से पूछताछ कर रही है।