भोपाल। साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर को आज न्यायिक हिरासत से रिहा कर दिया गया। मालेगांव ब्लास्ट केस में बाॅम्बे हाईकोर्ट ने साध्वी प्रज्ञा ठाकुर को जमानत दे दी।
साध्वी प्रज्ञा ठाकुर का यहां के एक अस्पताल में इलाज किया जा रहा था। काफी लंबे समय से अस्वस्थ होने के कारण वे इस अस्पताल में भर्ती थी।
पंडित खुशीलाल शर्मा शासकीय (स्वशासी) आयुर्वेदिक महाविद्यालय एवं संस्थान भोपाल में करीब ढाई साल से प्रज्ञा ठाकुर अपना इलाज करा रही थी। बिना व्हील चेयर के वे कहीं भी आ-जा नहीं सकतीं हैं। बताया जाता है कि उनकी रीढ़ की हड्डी में कुछ परेशानी है।
उल्लेखनीय है कि मालेगांव में 29 सितंबर 2008 में विस्फोट हुआ था। इसमें आठ लोग मारे गए थे जबकि 80 से अधिक लोग घायल हुए थे। इस घटना की जांच महाराष्ट्र पुलिस की एटीएस ने की थी। इसके बाद यह मामला जांच के लिए एनआईए को सौंप दिया गया था।
प्रज्ञा ठाकुर की गिरफ्तारी भी एटीएस ने की थी। प्रज्ञा ठाकुर लगभग नौ साल से जेल में थी। साध्वी प्रज्ञा को बॉम्बे हाई कोर्ट ने जमानत दे दी थी। प्रज्ञा ठाकुर पर कथित तौर पर ब्लास्ट की प्लानिंग करने और ब्लास्ट के लिए इस्तेमाल की गई बाइक उपलब्ध कराने का आरोप है।
कोर्ट ने प्रज्ञा ठाकुर को अपना पासपोर्ट एनआईए को सौंपने का आदेश दिया साथ ही उन्हें निर्देश दिया गया कि वो जांच एजेंसियों को सहयोग दें और गवाहों को प्रभावित करने की कोशिश न करें। उन्हें ट्रायल कोर्ट की पेशी में मौजूद रहने की शर्त के साथ जमानत मिली है।
इससे पहले राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने सुप्रीम कोर्ट से कहा था कि साल 2008 के मालेगांव विस्फोट मामले में आरोपी को न्यायिक हिरासत में रखने की आवश्यकता नहीं है। एनआईए के वकील ने कहा था कि इस मामले में आरोप पत्र दायर किया जा चुका है।
देवास में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रचारक सुनील जोशी की हत्या में भी प्रज्ञा ठाकुर का नाम जोड़ा गया था ।फरवरी महीने में मध्य प्रदेश की एक अदालत ने साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर समेत सात अन्य को साल 2007 में हुई सुनील जोशी की हत्या के मामले में बरी कर दिया गया था। कोर्ट के मुताबिक, राज्य पुलिस और एनआईए इनके खिलाफ पर्याप्त सबूत पेश नहीं कर पाई थी।
देवास में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रचारक सुनील जोशी की हत्या में भी प्रज्ञा ठाकुर का नाम जोड़ा गया था।