Nurses strike: हमीदिया अस्पताल में सीनियर नर्स भी हड़ताल में शामिल
Nurses strike: अस्पताल में वार्डों में जूनियर डॉक्टरों ने लगाया मरीजों को इंजेक्शन और दवाएं दीं। ऑपरेशन टाले। मरीजों की बढ़ी परेशानी।
By Ravindra Soni
Edited By: Ravindra Soni
Publish Date: Tue, 06 Jul 2021 03:16:49 PM (IST)
Updated Date: Tue, 06 Jul 2021 03:16:49 PM (IST)

Nurses strike: भोपाल (नवदुनिया प्रतिनिधि)। प्रदेश भर में चल रही नर्सिंग कर्मचारियों की हड़ताल में मंगलवार को शासन तहत नियुक्त सीनियर नर्स भी शामिल हो गई हैं। हमीदिया अस्पताल में इनकी संख्या करीब 70 है। इनके हड़ताल में शामिल होने की वजह से मरीजों की परेशानी बढ़ गई है। वार्डों में इंजेक्शल लगाने, दवाएं देने समेत नर्स के हिस्से के जरूरी काम जूनियर डॉक्टर कर रहे हैं। हालांकि यह काम उतना अच्छे से नहीं हो पा रहा है, जिस तरह नर्सिंग कर्मचारी कर रहे थे। बता दें कि अभी तक सिर्फ स्वशासी के तहत नियुक्त नर्स ही आंदोलन कर रही थीं।
सोमवार तक सीनियर नर्सों के आंदोलन में शामिल नहीं होने की वजह से हर दिन चार-पांच ऑपरेशन ही टालने पड़ रह थे, लेकिन मंगलवार को दोपहर 12 बजे तक पांच बड़े ऑपरेशन ही हो पाए थे। नर्सिंग हड़ताल में पहली बार ऐसा हुआ है, जब मेट्रन ऑफिस भी बंद हो गया है। नर्सिंग अधीक्षक कार्यालय में अधीक्षक के अलावा तीन मेट्रन हैं। मंगलवार को वह भी आंदोलन में शामिल हो गईं। कार्यालय में सिर्फ नर्सिंग अधीक्षक रामरती यादव मौजूद थीं। नर्सिंग कर्मचारियों की हड़ताल के चलते जीएमसी परिसर मे संचालित जीएनएम और बीएससी नर्सिंग कोर्स करने वाली छात्राओं की ड्यूटी वार्डों में लगाई जा रही थी। प्रांतीय नर्सेस एसोसिएशन और स्टेट नर्सेस एसोसिएशन ने दावा किया है कि कॉलेज की प्राचार्य और नर्सिंग स्टूडेंट भी मंगलवार से आंदोलन में शामिल हो गई हैं। लिहाजा वार्डों में सेवाएं प्रभावित हो रही हैं।
आंदोलनकारियों से बात करने को तैयार नहीं अफसर
नर्सिंग कर्मचारियों की हड़ताल 30 जून से चल रही है। इसके बाद भी पदाधिकारियों की मुलाकात चिकित्सा शिक्षा और स्वास्थ्य विभाग के अफसरों से नहीं हुई है। सोमवार को पदाधिकारी चिकित्सा शिक्षा संचालक डॉ. उल्का श्रीवास्तव से मिलने पहुंचे थे, लेकिन उन्होंने यह कहकर मिलने से मना कर दिया कि सात जून को हाईकोर्ट में सुनवाई है। वहीं पर जवाब देंगी। इसके पहले कोई बात नहीं करेंगी। मंत्री और अपर मुख्य सचिव से भी अभी तक उनकी मुलाकात नहीं हुई है। सरकार ने तो हड़ताल खत्म कराने का प्रयास कर रही है और न ही अत्यावश्यक सेवा प्रबंधन अधिनियम (एस्मा) के तहत कार्रवाई कर रही है।