Sickle Cell Anaemia: सिकल सेल एनीमिया उन्मूलन मिशन का 27 जून को मप्र के शहडोल से शुभारंभ करेंगे पीएम मोदी, देशभर में सात करोड़ लोगों का होगा परीक्षण
Sickle Cell Anaemia: झाबुआ व आलीराजपुर के अलावा मध्य प्रदेश के अन्य 18 जिलों में सिकल सेल के 3500 रोगी मिले।
By Hemant Kumar Upadhyay
Edited By: Hemant Kumar Upadhyay
Publish Date: Tue, 20 Jun 2023 07:32:24 PM (IST)
Updated Date: Tue, 20 Jun 2023 07:32:24 PM (IST)

Sickle Cell Anaemia: भोपाल (राज्य ब्यूरो)। मध्य प्रदेश में झाबुआ और आलीराजपुर में सिकल सेल एनीमिया के परीक्षण (स्क्रीनिंग) का प्रयोग सफल होने के बाद इसे आदिवासी बहुल अन्य 18 जिलों में भी शुरू कर दिया गया है। इन जिलों में अभी तक जन्म से 40 वर्ष तक के चार लाख लोगों का रक्त परीक्षण किया गया है। इनमें 3500 इस बीमारी से पीड़ित मिले हैं।
इस मान से लगभग एक प्रतिशत आबादी इन जिलों में सिकल सेल एनीमिया से पीड़ित है। अभी कैंप लगाकर या दूसरी बीमारियों के उपचार के लिए अस्पताल आने वाले रोगियों की सिकल सेल की भी जांच की जा रही है। इसके बाद घर-घर जाकर जांच की जाएगी। यह काम निजी एजेंसी को सौंपा जाएगा।
बता दें कि इस बीमारी के उपचार में मध्य प्रदेश देश में आदर्श बन गया है। इस कारण प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 27 जून को शहडोल से राष्ट्रीय सिकल सेल एनीमिया उन्मूलन मिशन का देशव्यापी शुभारंभ करने जा रहे हैं।
यह मिशन शुरू करने की घोषणा इस वर्ष केंद्रीय बजट में की गई थी। इस बीमारी से पीड़ित लोगों की पहचान के लिए देशभर में सात करोड़ लोगों की जांच की जाएगी। मध्य प्रदेश में तीन वर्ष में आदिवासी बहुल 20 जिलों के 89 विकासखंडों में जन्म से 40 वर्ष तक के एक करोड़ लोगों की जांच की जानी है।
इसमें पाजिटिव लोगों के अलावा वाहकों के बारे में भी पता चलेगा। वाहक वह होते हैं जो पाजिटिव नहीं हैं न ही उन्हें कोई लक्षण हैं, फिर भी दूसरों तक बीमारी पहुंचा सकते हैं।
बता दें कि आलीराजपुर और झाबुआ में प्रयोग के तौर पर नवंबर 2021 से जांच के लिए अभियान चलाया गया था। दोनों जिलों में अभी तक 10 लाख लोगों का रक्त परीक्षण किया गया है। इसमें 1900 पाजिटिव और लगभग 28 हजार वाहक मिले हैं। इस बीमारी में लाल रक्त कोशिकाओं का आकार असामान्य हो जाता है, जिससे रोगी को खून की कमी हो जाती है।
चार आयुष्मान हितग्राहियों को पीवीसी कार्ड सौंपेेंगे प्रधानमंत्री
प्रधानमंत्री शहडोल में ही आयुष्मान भारत योजना के चार हितग्राहियों को पीवीसी कार्ड सौंपेंगे। अभी साधारण कागज का कार्ड उन्हें दिया जाता है। इस कार्ड के लिए हितग्राहियों से कोई शुल्क नहीं लिया जा रहा है। बता दें कि प्रदेश में चार करोड़ 70 लाख आयुष्मान हितग्राही हैं। इनमें तीन करोड़ 60 लाख के कार्ड बनाए जा चुके हैं। अभी एक करोड़ पीवीसी कार्ड बनाए गए हैं।
इनका कहना है
प्रदेश 89 विकासखंडों में स्क्रीनिंग का काम चल रहा है। अभी लगभग चार लाख लोगों की जांच की जा चुकी है। तीन वर्ष में एक करोड़ लोगों की जांच का लक्ष्य है।
डा.रूबी खान, उप संचालक, स्वास्थ्य