राज्य ब्यूरो, नईदुनिया, भोपाल। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने सोमवार को श्योपुर और सिंगरौली मेडिकल कालेज का लोकार्पण किया, पर अभी तक इन कालेजों को एमबीबीएस पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए मान्यता नहीं मिली है। स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग के अधिकारियों के अनुसार, नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी) में बातचीत हुई है। दोनों जगह सौ-सौ सीटों की मान्यता मिलने की आशा है।
बता दें कि फैकल्टी की कमी के चलते एनएमसी ने निरीक्षण के बाद मान्यता से इन्कार कर दिया था। इसके बाद चिकित्सा शिक्षा संचालनालय ने दूसरे कालेजों से यहां के लिए फैकल्टी बुलाई है। अभी कॉलेजों में प्रवेश के लिए प्रथम चरण की काउंसिलिंग चल रही है। दूसरे चरण की काउंसलिंग तक मान्यता मिलने की उम्मीद है।
मुख्यमंत्री मोहन यादव और उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल अलग-अलग मंचों से कई बार दोनों कॉलेजों को 2025-26 सत्र से प्रारंभ करने की बात कह चुके हैं, पर फैकल्टी की भर्ती में विभाग शुरू से पिछड़ा रहा है। इन कॉलेजों के लिए दूसरे चरण की भर्ती इस वर्ष अप्रैल में निकाली गई, जबकि इस अवधि तक तो भर्ती प्रक्रिया पूरी हो जानी थी।
नियुक्ति आदेश के बाद भी जब इन दोनों कॉलेजों में दो तिहाई से अधिक शिक्षक जाने काे तैयार नहीं हुए, तो दूसरे कॉलेजों से फैकल्टी को ट्रांसफर किया गया। प्राध्यापकों के पद भरना सबसे कठिन हो रहा है।
छोटे जिले होने के कारण फैकल्टी यहां जाने को तैयार नहीं हैं। ऐसे में अगले वर्ष मंडला, छतरपुर और राजगढ़ मेडिकल कालेज प्रारंभ करने में भी फैकल्टी के पद भरने में मुश्किल आ सकती है।