
नईदुनिया प्रतिनिधि, जबलपुर। धान, गेहूं समेत मोटे अनाज के उपार्जन में फर्जीवाड़ा करने वाली सोसाइटियों का ब्यौरा तैयार हो रहा है। वो भी जबलपुर समेत प्रदेशभर की सोसायटियों का, जिन पर पिछले चार साल के दौरान एफआइआर दर्ज की गई। इन सोसाइटियों को खरीदी का काम नहीं दिया जाएगा। साथ ही इन्हें ब्लैक लिस्ट कर दूसरे शासकीय कामों की जिम्मेदारी से भी पृथक किया जाएगा।
दरअसल नागरिक आपूर्ति निगम ने भोपाल, जबलपुर, ग्वालियर, इंदौर समेत प्रदेश के हर जिलों की उपार्जन से जुड़ी सोसाइटियों की कुंडली तैयार कर भेजने की जिम्मेदारी सभी जिला नागरिक आपूर्ति निगम को दी है। सूत्रों की मानें तो जबलपुर जिले में ही करीब 25 से ज्यादा ऐसी सोसायटियां हैं, जिनके संचालक, प्रबंधक और कम्प्यूटर आपरेटर समेत 100 से ज्यादा कर्मचारियों पर एफआईआर दर्ज है। अब इन एक-एक ब्यौरा तैयार हो रहा है।
जबलपुर में धान और गेहूं खरीदी के दौरान हुए फर्जीवाड़े में सोसाइटी और स्वसहायता समूह का फर्जीवाड़ा सामने आया। इनमें कई सोसाइटियों ने अपने ही रिश्तेदारों को सोसाइटियों का पदाधिकारी बनाया और फिर कागजों पर धान उपार्जन किया। इन्होंने दलालों के साथ मिलकर फर्जी किसान तैयार किए और उनका नामांतरण कराया।
इतना ही नहीं इन नामांतरण के आधार पर कागजों पर धान और गेहूं की खरीदी की गई। इस काम को वेयरहाउस संचालकों के साथ मिलकर कागज पर ही गोदाम में रखा। इसकी एवज में मोटी कमीशन, किराया वसूली। इतना ही नहीं कई सोसाइटियों ने फर्जी पंजीयन पर व्यापारी और दलाल के साथ अन्य शहर और राज्यों की फसल बेच दी।