नईदुनिया प्रतिनिधि, भोपाल। प्रदेश में स्टार्टअप को प्रोत्साहित करने के लिए युवा उद्यमियों का उज्जैन में समागम होगा। प्रदेश सरकार उज्जैन में स्टार्टअप समिट व युवा उद्यमी सम्मेलन की योजना बना रही है।
इसमें स्टार्टअप पालिसी की खूबियां बताई जाएंगी। इसके अलावा मुरैना में कृषक सम्मेलन भी किया जाएगा। कृषि आधारित उद्योग को प्राथमिकता में रखकर सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा।
स्टार्टअप समिट का आयोजन मध्य प्रदेश को वैश्विक स्तर पर अग्रणी स्टार्टअप हब के रूप में स्थापित करना, नवाचार और रोजगार प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से किया जाएगा। मप्र में पांच हजार से अधिक स्टार्टअप है। इनमें 47 प्रतिशत महिला स्टार्टअप, 73 इंक्यूबेटर्स हैं। इससे 50 हजार से अधिक रोजगार सृजित होंगे।
समिट में प्रयास होगा कि अधिमान्यता प्राप्त स्टार्टअप की संख्या बढ़ाकर 10 हजार करना, 100 करोड़ के सीट कैपिटल फंड की स्थापना 1.10 लाख रोजगार सृजन और 500 से अधिक स्टार्टअप मार्केट में स्थापित किए जा सकें। इस माह के अंत तक या अक्टूबर में यह दोनों ही आयोजन करने की तैयारी है।
समिति गठितमंदसौर और नरसिंहपुर के बाद नवंबर में सीहोर में कृषि उद्योग समागम-2025 (एग्रीकल्चर इंडस्ट्रीज कान्क्लेव) का आयोजन होगा। आयोजन वृहद स्तर पर कई विभागों की सहभागिता से किया जाएगा।
इसमें देशभर के कृषि क्षेत्र में निवेशकों और उद्योगपतियों को आमंत्रित किया जाएगा। कृषि उद्योग समागम के सफल क्रियान्वयन के लिए राज्य शासन द्वारा समिति गठित की गई है।
मंदसौर के गांधीसागर में फारेस्ट रिट्रीट का आयोजन किया जाएगा। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव शुक्रवार मंदसौर में गांधीसागर फारेस्ट रिट्रीट के चौथे संस्करण का शुभारंभ करेंगे। यह रिट्रीट लल्लूजी एंड संस द्वारा मध्य प्रदेश पर्यटन बोर्ड के सहयोग से विकसित किया गया है, जो लक्जरी कैंपिंग, एडवेंचर टूरिज्म और सांस्कृतिक गतिविधियों का अनूठा संगम है।
गांधीसागर फारेस्ट रिट्रीट के दौरान पर्यटक टेंट सिटी में हाट-एयर बलूनिंग, पैरामोटरिंग, जेट स्कीइंग, कायाकिंग और मोटर बोटिंग जैसी रोमांचक गतिविधियों का आनंद ले सकेंगे।
हिंगलाजगढ़ किले की हेरिटेज ट्रेल, गांधीसागर अभयारण्य में वन्यजीव सफारी और ग्रामीण जीवन के अनुभव भी पर्यटकों के आकर्षण का हिस्सा रहेंगे। इस रिट्रीट में पर्यावरण संरक्षण और जैव विविधता पर विशेष ध्यान दिया गया है।
लगभग 2,500 वर्ग मीटर क्षेत्र में विकसित बटरफ्लाई गार्डन में 4,000 से अधिक पोषक एवं पराग प्रजातियों के पौधे लगाए गए हैं। यहां पहले से ही 40 से अधिक तितली प्रजातियां दर्ज की जा चुकी हैं।
इस सीजन में राक आर्ट इंटरप्रिटेशन ज़ोन, जो चतुर्भुज नाला की प्राचीन शैलचित्र कला से प्रेरित है तथा बायोडायवर्सिटी वाक जैसी गतिविधियां भी शामिल की गई हैं।