नईदुनिया प्रतिनिधि, भोपाल। एक उपभोक्ता के यहां बिजली कंपनी ने बिजली मीटर लगाया, लेकिन वायरिंग सही से नहीं की गई, जिससे शार्ट सर्किट हो गया और उपभोक्ता के घर में लगाया गया इनवर्टर जल गया। जब उपभोक्ता ने बिजली कंपनी में शिकायत की तो वे मानने के लिए तैयार नहीं थे। मामला जिला उपभोक्ता आयोग में पहुंचा। आयोग ने उपभोक्ता के पक्ष में फैसला सुनाया और साढ़े 16 हजार रुपये का हर्जाना बिजली कंपनी पर लगाया।
बिजली कंपनी ने इस फैसले के खिलाफ राज्य उपभोक्ता आयोग में अपील की। जहां राज्य आयोग ने भी उपभोक्ता के पक्ष में फैसला सुनाया और जिला आयोग द्वारा दिए गए आदेश को सही माना। दरअसल, बुरहानपुर जिले के नेपानगर निवासी संजय कुमार पंवार ने मप्र पश्चित क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड के खिलाफ शिकायत की थी। आयोग ने बिजली कंपनी को आदेशित किया कि उपभोक्ता को 14 हजार रुपये इनवर्टर की कीमत और ढाई हजार रुपये मानसिक क्षतिपूर्ति राशि देनी होगी। यह भी आदेश दिया कि अगर साढ़े 16 हजार रुपये की राशि डेढ़ महीने के अंदर नहीं देने पर 12 प्रतिशत ब्याज के साथ देना होगा।
बिजली कंपनी ने तर्क रखा कि कंपनी के कर्मचारियों ने उपभोक्ता के बिजली मीटर को सही हालत में लगाकर कनेक्शन चालू किया गया था। आउटगोईंग वायरिंग या परिसर की वायरिंग से कनेक्टेड उपकरणों के नुकसान के लिए बिजली कंपनी की कोई जवाबदारी नहीं होती है। निरीक्षण के दौरान भी बिजली कंपनी की गई वायरिंग सही पाई गई थी। अगर मीटर फिटिंग में की गई वायरिंग में कोई गड़बड़ी होती तो बिजली प्रदान होने पर ही फाल्ट हो जाता,लेकिन ऐसा नहीं हुआ था।
उपभोक्ता का कहना था कि जिस दिन मीटर फिटिंग की गई। उसी रात में नौ बजे पावर सप्लाई बंद हुई तो इनवर्टर चालू किया गया, लेकिन वह चालू नहीं हुआ। उसमें से चिंगारियां निकलीं, धमाका हुआ और आग निकलने लगी, जिसके कारण इनवर्टर की बैटरी जलकर काली हो गई। मिस्त्री को बुलाकर दिखाने पर बताया कि मीटर फिटिंग में वायरिंग गलत की गई है। इस कारण इनवर्टर जल गया। मामले में बिजली कंपनी के तर्क को आयोग ने खारिज कर दिया।
बिजली कंपनी ने मीटर फिटिंग में वायरिंग गलत की थी, जिसका मिस्त्री से दिखवाया भी गया था। कंपनी के कर्मचारियों की गलती से इनवर्टर जल गया था।इस कारण आयोग ने उपभोक्ता के पक्ष में फैसला सुनाया और बिजली कंपनी पर हर्जाना लगाया। - मोना पालीवाल, उपभोक्ता की अधिवक्ता