रेलवे पटरी पार करते समय हुई मौतों के लिए भी जिम्मेदार, देना होगा मुआवजा: MP हाईकोर्ट
अप्रैल 2011 में मैहर में तीन वर्षीय बालक राजेश और उसे बचाने आईं लोली बाई, इंद्रमती ट्रेन की चपेट में आने से मौत हो गई थी। यह लोग बच्चे के मुंडन समारोह से लौट रहे थे। रेलवे ने दुर्घटना से इन्कार किया था। मृतकों के परिजन सिंगरौली निवासी रामावतार प्रजापति, सलिता प्रजापति ने रेलवे दावा अधिकरण के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी।
Publish Date: Tue, 11 Nov 2025 10:40:19 PM (IST)
Updated Date: Tue, 11 Nov 2025 10:45:43 PM (IST)
यात्रियों द्वारा रेल पटरी पार करने की सांकेतिक तस्वीर।HighLights
- हाई कोर्ट ने निरस्त किया रेलवे दावा अधिकरण भोपाल का फैसला।
- 14 साल पहले मैहर में ट्रेन की चपेट आईं थीं दो महिलाएं और बच्चा।
- अधिकरण ने दावा खारिज कर दिया था कि मृतक ट्रेन में सवार नहीं थे।
नईदुनिया प्रतिनिधि, जबलपुर। हाई कोर्ट ने रेल दुर्घटना से जुड़े मामले में अहम फैसला सुनाया है। न्यायमूर्ति हिमांशु जोशी की एकलपीठ ने आदेश जारी कहा कि यदि पटरियों तक अनाधिकृत पहुंच रोकने के लिए पर्याप्त इंतजाम नहीं हैं तो उनमें पटरी पार करते समय हुई मौतों के लिए रेलवे मुआवज़ा देने के लिए जिम्मेदार होगा।
कोर्ट ने रेलवे दावा अधिकरण भोपाल ने फैसले को निरस्त करते हुए दावेदारों को उचित मुआवजे का भुगतान कराने के निर्देश दिए। अधिकरण ने यह कहते हुए उनका दावा खारिज कर दिया था कि मृतक ट्रेन में सवार नहीं थे।
दरअसल, अप्रैल 2011 में मैहर में तीन वर्षीय बालक राजेश और उसे बचाने आईं लोली बाई, इंद्रमती ट्रेन की चपेट में आने से मौत हो गई थी। यह लोग बच्चे के मुंडन समारोह से लौट रहे थे।
रेलवे ने दुर्घटना से इन्कार किया था। मृतकों के परिजन सिंगरौली निवासी रामावतार प्रजापति, सलिता प्रजापति ने रेलवे दावा अधिकरण के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी।