
नवदुनिया प्रतिनिधि, भोपाल। राजधानी में दोपहिया वाहनों पर पीछे बैठने वाली दूसरी सवारी के लिए भी हेलमेट लगाना गुरुवार से अनिवार्य कर दिया गया। लोगों को नियमों का पाठ पढ़ाने के लिए यातायात पुलिस ने शहर के 20 स्थानों पर नाका लगाया। अधिकतर बाइक चालक हमेशा की तरह हेलमेट लगाकर नहीं निकले। नाके पर पुलिस दिखी तो तेजी से बाइक मोड़ ली। रोकने पर महिलाएं बोलीं उन्हें तो इसके बारे में पता ही नहीं था! किसी ने कहा - बस बाजार तक ही जाना है..।
सड़क के दोनों तरफ पुलिसकर्मी तैनात हैं। हेलमेट नहीं पहनने वाले बाइक चालकों को रुकने का इशारा करते। एक किनारे कर उनसे हेलमेट को लेकर सवाल करते। एक युवक को टोका गया तो बोला यहीं पड़ोस में रहता है, बस पेट्रोल भरवाने निकला था। एक महिला को रोका तो वह पुलिसकर्मियों से बहस करने लगीं। कहा - यहीं बाजार तक जा रही थी, इसके लिए क्या हेलमेट लगाना। एक लड़के ने कहा कि कॉलेज जाने की जल्दी में हेलमेट भूल गया। पुलिसकर्मी ने कुछ विद्यार्थियों को समझाकर छोड़ दिया, लेकिन शेष लोगों से 300 रुपये लेकर चालान बनाया।
यहां पुलिस सुबह से ही तैनात थी। पुलिस को देखकर मिनाल की ओर से आ रहा एक बाइक सवार तेजी से मुड़कर वापस भागा। दूसरी बाइक को रोका तो राइडर बोला हेलमेट तो लगा रखा है फिर क्यों? जवाब मिला पीछे वाले नहीं लगाया। राइडर बोला इसकी तो जानकारी ही नहीं थी। गलती हो गई, आज छोड़ दीजिए, आगे से ध्यान रखेंगे। पुलिसकर्मी बोला - ऐसे फिर भूल जाएंगे, फाइन भरिए तो हेलमेट हमेशा याद रहेगा। एक व्यक्ति ने कहा - उसके सिर में दर्द रहता है इसलिए हेलमेट नहीं लगाता। पुलिसकर्मी ने पूछा फिर डाक्टर का पर्चा दिखा दो। राइडर बोला- उसके लिए तो घर जाना पड़ेगा। 300 रुपये का चालान कटा।
गुरुवार को हेलमेट को लेकर शुरू हुए अभियान में यातायात पुलिस ने 701 चालान बनाए। इनमें हेलमेट पहने बिना बाइक-स्कूटर चलाने वाले 500 लोगों का चालान बना। बिना हेलमेट लगाए पीछे बैठने वाले के 156 लोगों का चालान हुआ। वहीं 45 ऐसे लोगों का भी चालान कटा जिसमें राइडर और सवारी दोनों ने हेलमेट नहीं लगाए थे। पुलिस ने इन लोगों से कुल एक लाख 92 हजार 400 रुपये का शमन शुल्क वसूला।