राज्य ब्यूरो, नईदुनिया. भोपाल : राज्य सरकार ने तीन नए एलोपैथी मेडिकल कॉलेज शुरू करने के लिए पूरी ताकत झोंक दी है, पर पहले से संचालित हो रहे आयुर्वेद कॉलेजों की मान्यता बचाने में भी विफल हो रही है। भारतीय चिकित्सा पद्धति राष्ट्रीय आयोग (एनसीआइएसएम) ने मप्र के 22 समेत देशभर के 278 कॉलेजों की मान्यता जारी कर दी है, जिसमें इंदौर, ग्वालियर और रीवा का सरकारी आयुर्वेद कॉलेज भी शामिल है।
बुरहानपुर आयुर्वेद मेडिकल कॉलेज की मान्यता रोक दी गई है। सरकार ने कमियां दूर नहीं की तो मान्यता नहीं मिलेगी। यहां मापदंड के अनुसार फैकल्टी नहीं होने के कारण मान्यता रोकी गई है। भोपाल, जबलपुर और उज्जैन मेडिकल कॉलेज की मान्यता भी शीघ्र जारी होने की आशा है।
बता दें कि बुरहानपुर आयुर्वेद कॉलेज में बीएएमएस की कुल 56 सीटें हैं। यहां के कुछ फैकल्टी संचालनालय व मंत्रालय में प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ हैं। एसोसिएट प्रोफेसर और प्रोफेसर के पद मापदंड के अनुसार नहीं होने के कारण एनसीआइएसएम ने मान्यता रोकी है।
एलाेपैथी मेडिकल कालेजों में भी पदोन्नति से इन पदों को भरने के लिए पात्र फैकल्टी नहीं मिल पा रहे थे, इस कारण वहां सीधी भर्ती शुरू कर दी गई, पर आयुष (आयुर्वेद, होम्योपैथी और यूनानी) में ऐसी व्यवस्था नहीं होने के कारण पदोन्नति के पद भरना मुश्किल हो रहा है।
आयुष मेडिकल एसोसिएशन के राष्ट्रीय प्रवक्ता डा. राकेश पाण्डेय ने कहा कि जो भी पद रिक्त हैं उन्हें चिकित्सा शिक्षा विभाग की तरह सीधी भर्ती से भरा जाना चाहिए।