नईदुनिया प्रतिनिधि, भोपाल। दिल्ली से भागकर भोपाल पहुंची तीन नाबालिग बालिकाओं को रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) भोपाल ने समय रहते रेस्क्यू कर सुरक्षित संरक्षण प्रदान किया। यह कार्रवाई आरपीएफ द्वारा चलाए जा रहे ऑपरेशन नन्हे फरिश्ते अभियान के अंतर्गत की गई। घटना सोमवार को उस वक्त सामने आई, जब आरपीएफ के सहायक उप निरीक्षक राघवेंद्र सिंह प्लेटफार्म नंबर एक पर नियमित गश्त कर रहे थे। इसी दौरान उनकी नजर तीन डरी-सहमी और अकेली बैठी बालिकाओं पर पड़ी। मामले की गंभीरता को समझते हुए उन्होंने तुरंत महिला आरक्षक उमा पटेल को मौके पर बुलाया। उमा पटेल ने बालिकाओं को सांत्वना देकर संवाद स्थापित करने का प्रयास किया।
स्थानीय यात्रियों से पूछताछ करने के बावजूद बालिकाओं की पहचान नहीं हो सकी। इसके बाद उन्हें आरपीएफ पोस्ट लाया गया, जहां गहन पूछताछ में यह जानकारी सामने आई कि तीनों बालिकाएं दिल्ली की रहने वाली हैं और अपने माता-पिता की डांट से आहत होकर बिना किसी को बताए किसी अज्ञात ट्रेन में सवार होकर भोपाल पहुंच गई थीं।
आरपीएफ ने बालिकाओं से प्राप्त मोबाइल नंबरों के माध्यम से उनके परिजनों से संपर्क कर उन्हें पूरी स्थिति की जानकारी दी। इसके पश्चात महिला आरक्षक उमा पटेल और प्रभारी आरक्षक राकेश कुमार द्वारा तीनों बालिकाओं का चिकित्सकीय परीक्षण कराया गया और फिर उन्हें गौरवी सखी सेंटर की देखरेख में सौंप दिया गया।