Today in Bhopal: भोपाल, नवदुनिया प्रतिनिधि। कोरोना की तीसरी लहर का प्रकोप खत्म होने के बाद शहर में सांस्कृतिक, धार्मिक, सामाजिक कार्यक्रम पहले की तरह पुन: होने लगे हैं। शहर में गुरुवार 08 दिसंबर को कई ऐसे आयोजन हैं, जिनका आप आनंद उठा सकते हैं। यहां हम कुछ ऐसे ही चुनींदा कार्यक्रमों की जानकारी पेश कर रहे हैं, जिसे पढ़कर आपको अपनी दिन की कार्ययोजना बनाने में आसानी होगी।
ओडिसी नृत्य - आइकोनिक स्कूल में बिंदु जनेजा की कार्यशाला और ओडिसी नृत्य प्रस्तुति। समय : सुबह 9:30 बजे से।
माह का प्रादर्श - श्यामला हिल्स पर स्थित इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मानव संग्रहालय के अंतरंग भवन वीथि संकुल में कुंए से बाल्टी निकालने के उपकरण 'झागड़' का अवलोकन सुबह 10 बजे से किया जा सकता है।
चित्र प्रदर्शनी - शाहपुरा स्थित आलियांस फ्रांसिस द भोपाल में आर्ट वाल फेस्टिवल के तहत फ्रांस के कलाकारों की चित्र प्रदर्शनी को आप सुबह 10 बजे से देख सकते हैं।
चित्र प्रदर्शनी - मप्र जनजातीय संग्रहालय की लिखंदरा दीर्घा में गोंड चित्रकार सरोज वेंकट श्याम के चित्रों की प्रदर्शनी को सुबह 11 बजे से देखा जा सकता है।
कला प्रदर्शनी - जिला सैनिक कल्याण कार्यालय, बाणगंगा में वीरमाता निर्मला शर्मा की कलाकृतियों की प्रदर्शनी। समय : सुबह 11 बजे से।
प्रस्तर कला प्रदर्शनी- दुष्यंत संग्रहालय में अनीता दुबे की प्रस्तर कला प्रदर्शनी 'रज कण छवियां' को दोपहर 12 बजे से देखा जा सकता है।
श्रीमद्भागवत कथा - सुभाष नगर में श्रीमद्भागवतकथा का आयोजन किया जा रहा है। समय : दोपहर दो बजे।
परी बाजार - भोपालियत से जुड़ने का मौका देने वाले परी बाजार-2022 का आयोजन आठ से 11 दिसंबर तक कमला पार्क में किया जा रहा है। बेगम्स आफ भोपाल की ओर से आयोजित तीसरे परी बाजार में इस बार जनजातीय कला व संस्कृति की झलक भी देखने को मिलेगी। औपचारिक शुभारंभ चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग और महापौर मालती राय शाम 4:30 बजे करेंगी। इस मौके पर महिला पुलिस बैंड की प्रस्तुति होगी।
लोक संस्कृति पर व्याख्यान - मध्यप्रदेश जनजातीय संग्रहालय की लिखंदरा दीर्घा की मासिक परिसंवाद श्रृंखला में आठ और नौ दिसंबर को जनजातीय लोक कला एवं बोली विकास अकादमी, मध्यप्रदेश जनजातीय संग्रहालय, भोपाल एवं शासकीय महारानी लक्ष्मी बाई कन्या स्नाकोत्तर (स्वशासी) महाविद्यालय,भोपाल के सहयोग से दो दिवसीय परिसंवाद का आयोजन किया जा रहा है। अकादमी के निदेशक डा. धर्मेंद्र पारे ने बताया कि दो दिवसीय संगोष्ठी में आठ दिसंबर को मालवी लोक संस्कृति पर उज्जैन के प्रो. शैलेंद्र शर्मा मुख्य वक्ता एवं नौ दिसंबर को बघेली लोक संस्कृति पर प्रो. उमेश कुमार सिंह अपने विचार प्रस्तुत करेंगे। यह परिसंवाद संग्रहालय सभागार में दोपहर एक बजे से आयोजित किया जाएगा।