जनवरी से भोपाल में ट्रेन यात्रियों को आउटर पर नहीं करना होगा इंतजार
दोनों स्टेशन के बीच तीसरी जनवरी में चालू होगी तीसरी रेल लाइन, लॉकडाउन से पूर्व हर दसवी ट्रेन को आउटर पर रोकते थे।
By Ravindra Soni
Edited By: Ravindra Soni
Publish Date: Fri, 30 Oct 2020 02:31:09 PM (IST)
Updated Date: Fri, 30 Oct 2020 03:08:42 PM (IST)

भोपाल। दिल्ली, मुंबई और इंदौर समेत अन्य शहरों से भोपाल व हबीबगंज आने वाले यात्रियों के लिए अच्छी खबर है। अब उन्हें आउटर पर ट्रेन में बैठे-बैठे भोपाल व हबीबगंज रेलवे स्टेशन पहुंचने के लिए इंतजार नहीं करना पडेगा। दोनों स्टेशनों के बीच सात किलोमीटर लंबी नई रेल लाइन बनकर तैयार है। उम्मीद है कि जनवरी तक इस नए ट्रैक से ट्रेनों का गुजरना शुरू हो जाएगा। शुक्रवार को डीआरएम उदय बोरवणकर ने इस नई रेल लाइन का निरीक्षण कर लिया है। अब वे मुंबई जोन के कमिश्नर रेलवे सेफ्टी को रिपोर्ट देंगे। कमिश्नर निरीक्षण करने के बाद लाइन पर ट्रेनें चलाने की अनुमति जारी कर देंगे। फिर दोनों स्टेशनों के बीच एक ही समय में तीन-तीन ट्रेनें चलाई जा सकेंगी।
गौरतलब है कि अभी दो लाइन हैं, जिन पर ट्रेनों का दबाव अधिक रहता है इस वजह से कोरोना संक्रमण के पहले तक कुछ ट्रेनों को बार-बार भोपाल व हबीबगंज रेलवे स्टेशन के पूर्व आउटर पर कुछ समय के लिए रोकना पड़ता था। खैर अभी ट्रेनें कम है इसलिए यह नौबत नहीं बन रही है।
हर दसवीं ट्रेन को आउटर पर रोकते थे
संक्रमण के पूर्व तक दिल्ली, मुंबई और उज्जैन की तरफ से चैबीस घंटे में 300 से अधिक ट्रेनें दोनों स्टेशनों से होकर गुजरती थीं। इनमें से हर दसवीं ट्रेन को आउटर पर रोकना पड़ता था। इन ट्रेनों को 5 मिनट से लेकर पौन घंटे तक रोका जाता था। वर्तमान में 60 से 70 ट्रेनें गुजर रही हैं, इन्हें रोकने की जरूरत नहीं पड़ रही है।
इंदौर, उज्जैन से आने वाले यात्री ज्यादा करते थे इंतजार
इंदौर, उज्जैन से भोपाल आने वाले यात्रियों को अधिक इंतजार करना पड़ता था। कई बार भोपाल-उज्जैन पैसेंजर व भोपाल से इंदौर के बीच चलने वाली ट्रेनों को भोपाल से संत हिरदाराम नगर के बीच एक-एक घंटे तक खड़ा कर दिया जाता था।
सब्जी, अनाज वाली ट्रेनों को मिलेगी राहत
दोनों स्टेशनों के बीच ट्रेनों का अधिक दबाव रहता है। ऐसी स्थिति में सब्जी, अनाज व फल लेकर जाने वाली ट्रेनों को रोकना पड़ता था। अब तीसरी रेल लाइन चालू हो जाने के बाद राहत मिलेगी।
यह आ रही थी काम पूरा करने में दिक्कत
- सुभाष फाटक से बरखेड़ी के बीच ट्रैक के दोनों तरफ झुग्गी वालों ने अतिक्रमण कर लिया था, जिन्हें साल 2018 में हटवाने में समय लग गया।
- सुभाष फाटक ओवरब्रिज का काम काफी चुनौतीपूर्ण था जिसमें समय लग गया।