MP में यहां नई रेललाइन पर 125 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ी ट्रेन
यह लाइन भोपाल, सीहोर, राजगढ़ (मध्यप्रदेश) और झालावाड़, कोटा (राजस्थान) जिलों से होकर गुजरेगी। रेलमार्ग के चालू होने से यात्रा समय में करीब 3 घंटे की बचत होगी। केलकेरा मंदिर, कालीसिंध थर्मल पावर प्लांट सहित अन्य क्षेत्रों को रेल नेटवर्क से कनेक्टिविटी मिलेगी।
Publish Date: Thu, 31 Jul 2025 07:48:08 PM (IST)
Updated Date: Thu, 31 Jul 2025 07:54:47 PM (IST)
रेलवे का ट्रायल रन। - सांकेतिक फोटो।HighLights
- भोपाल-रामगंज मंडी नई रेल लाइन परियोजना के तहत ट्रायल रन।
- जरखेड़ा-शामपुर खंड का सीआरएस निरीक्षण सफलता से हुआ।
- रेलखंड की संरचनात्मक एवं तकनीकी मजबूती की जांच की गई।
नवदुनिया प्रतिनिधि, भोपाल। भोपाल-रामगंज मंडी नई रेलवे लाइन परियोजना के अंतर्गत जरखेड़ा से शामपुर के बीच नव निर्मित रेलखंड का रेल संरक्षा आयुक्त (सीआरएस) मनोज अरोरा द्वारा निरीक्षण किया गया। इस दौरान उन्होंने 125 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रायल रन कर इस रेलखंड की संरचनात्मक एवं तकनीकी मजबूती की जांच की।
करीब 11 किलोमीटर लंबे इस खंड की प्रारंभिक जांच मोटर ट्राली के माध्यम से की गई, जिसमें स्टेशन यार्ड, ट्रैक, सिग्नलिंग और अन्य तकनीकी पहलुओं का गहन निरीक्षण किया गया।
निरीक्षण के दौरान सीआरएस के साथ परियोजना के वरिष्ठ अधिकारी, अपर मंडल रेल प्रबंधक भोपाल योगेन्द्र बघेल, मुख्य परियोजना प्रबंधक विजय पाण्डेय, मुख्य प्रशासनिक अधिकारी (निर्माण) एमएस हाशमी और उप मुख्य अभियंता (निर्माण) मो. वसीम भी उपस्थित रहे।
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इस परियोजना की ये हैं विशेषताएं
- भोपाल-रामगंज मंडी रेलवे लाइन की कुल लंबाई: 276 किमी
- कुल अनुमानित लागत: 3,035 करोड़ रुपये।
- इसमें से 111 किमी रेलखंड भोपाल रेल मंडल क्षेत्र में आता है।
- यह लाइन भोपाल, सीहोर, राजगढ़ (मध्यप्रदेश) और झालावाड़, कोटा (राजस्थान) जिलों से होकर गुजरेगी।
- रेलमार्ग के चालू होने से यात्रा समय में करीब 3 घंटे की बचत होगी।
- केलकेरा मंदिर, कालीसिंध थर्मल पावर प्लांट सहित अन्य क्षेत्रों को रेल नेटवर्क से कनेक्टिविटी मिलेगी।
- नया मार्ग ब्यावरा-झालावाड़ मार्ग की तुलना में 42 किमी छोटा होगा, जिससे ईंधन और समय दोनों की बचत होगी।
- भोपाल मंडल क्षेत्र के लिए परियोजना बजट: 1,255 करोड़ रुपये।
- दिसंबर 2027 तक परियोजना के पूर्ण होने का लक्ष्य निर्धारित।
इस परियोजना के पूर्ण होने से भोपाल और कोटा मंडल के विभिन्न स्टेशनों के बीच सीधी और निर्बाध रेल कनेक्टिविटी सुनिश्चित होगी। इससे न केवल यात्रियों को सुविधा मिलेगी बल्कि माल परिवहन में भी अत्यधिक दक्षता आएगी।
देवाशीष त्रिपाठी, मंडल रेल प्रबंधक, भोपाल