नईदुनिया प्रतिनिधि, भोपाल। आप यदि किसी होटल, रेस्टोरेंट, ढाबा में खाना खाने जा रहे हैं और सब्जी में यदि पनीर का ऑर्डर दिया हो तो जरा सावधान हो जाइए। क्योंकि सब्जी में पनीर नहीं बल्कि एनालॉग हो सकता है, जो कि आपके स्वास्थ्य को बिगाड़ सकता है। दरअसल, खाद्य कारोबारी मुनाफा कमाने के चक्कर में असली पनीर की जगह एनालॉग पनीर लोगों को परोस रहे हैं। इसका खुलासा पिछले दिनों खाद्य विभाग की टीम द्वारा 18 प्रतिष्ठानों पर की गई छापेमारी कार्रवाई में हुआ है।
बता दें कि पनीर एनालॉग 220 रुपये किलो जबकि पनीर करीब 300 रुपये किलो तक मिलता है। खाद्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि शहर में कई कारोबारियों और रेस्टोरेंट संचालकों के यहां पनीर के नाम पर एनालॉग पनीर परोसने की शिकायतें मिल रही है। इसी के चलते अभियान शुरू किया गया है। जिसके चलते होटल पीपी फार्म रिट्रीट बरखेड़ी कला, साक्षी ढाबा के सामने स्थित प्रताप डेयरी एंड रेस्टोरेंट, कनक स्वीट्स रातीबड़, आइवरी रेस्टोरेंट बंसल वन एमपी नगर, श्रीकृष्णा डेयरी कोलार रोड, बावड़िया कलां स्थित माउंटेन सैफ रेस्टोरेंट, बागसेवनिया स्थित आरसी पापड़ी, लालघाटी चौराहा स्थित विंग्स क्लब में संचालित हर्ट रेस्टोरेंट में पनीर एनालाग परोसने के संदेह पर नमूने लेकर जांच के लिए भेजे गए थे। जिनकी जांच रिपोर्ट आने पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। इस अभियान के दौरान असली नकली पनीर की पहचान और उपयोग किया जाना सामने आएगा। वहीं, ग्राहकों को पनीर के बारे में बताया जा रहा है, शहर में सीहोर, देवास, मुरैना, ब्यावरा लाइन से पनीर की ज्यादा आवक होती है।
नकली या सिंथेटिक पनीर यानी एनालॉग पनीर दूध के घटकों से इतर गैर डेयरी सामग्री से बनाया जाता है लेकिन दिखता पारंपरिक पनीर जैसा है। इसे पाम ऑयल या हाइड्रो जनिकृत तेल, मिल्क पाउडर, स्टार्च और इमल्सीफायर्स जैसे दूध के ठोस पदार्थ से बनाते हैं। सिंथेटिक पनीर में पारंपरिक पनीर की तुलना में अधिक वसा और कोलेस्ट्रॉल होता है, जो स्वास्थ्य के लिए घातक है। पनीर प्रोटीन का सबसे अच्छा स्रोत है, लेकिन सिंथेटिक पनीर उल्टी, दस्त, डायरिया का कारण बनता है। बता दें कि भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण के नियमों के अनुसार ग्राहक होटल या रेस्टोरेंट से पूछ सकता है कि पनीर असली है या सिथेंटिक।
- प्रतिदिन औसत खपत प्रतिकिलो में - 5,000
- हर साल बढ़ रही खपत - 25 प्रतिशत
- प्रति किलो कीमत - 300-400 रुपये
शहर में पनीर और एनालाग पनीर की जांच करने के लिए अभियान शुरू किया गया है। पिछले दिनों 18 प्रतिष्ठानों से नमूने लेकर जांच के लिए भेजे गए हैं। वहीं उपभोक्ताओं को प्रयास करना चाहिए कि दूध से बना पनीर ही खरीदें।इसके लिए खाद्य पदार्थ गुणवत्ता परखकर एफएसएसएआइ मार्क वाला ही उत्पाद खरीदें।
- पंकज श्रीवास्तव, मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी