MP के सरकारी कर्मचारियों के लिए काम की खबर, प्रमोशन को लेकर सरकार करेगी बात
सामान्य प्रशासन विभाग एक बार फिर सभी संबंधित पक्षों से जुड़े कर्मचारी संगठनों के प्रतिनिधियों से चर्चा करके बीच का रास्ता निकालने का प्रयास करेगा। यदि सहमति बनती है तो फिर महाधिवक्ता से परामर्श करके सुप्रीम कोर्ट में जल्द सुनवाई का आग्रह किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को यथा स्थिति बनाए रखने के निर्देश दिए हैं।
Publish Date: Sun, 16 Feb 2025 08:34:02 PM (IST)
Updated Date: Mon, 17 Feb 2025 07:36:06 AM (IST)
मध्य प्रदेश में लंबित है प्रमोशन में आरक्षण का मामला।HighLights
- पदोन्नति में आरक्षण का मुद्दा सुलझाने फिर कर्मचारी संगठनों से बात करेगी सरकार।
- पदोन्नति में आरक्षण नियम निरस्त होने के कारण वर्ष 2016 से बंद हैं ये पदोन्नतियां।
- महाधिवक्ता से सलाह लेकर सुप्रीम कोर्ट में जल्दी सुनवाई के लिए आग्रह किया जाएगा।
राज्य ब्यूरो, नईदुनिया, भोपाल। मध्य प्रदेश में पदोन्नति में आरक्षण नियम निरस्त होने के कारण वर्ष 2016 से पदोन्नतियां बंद हैं। हजारों कर्मचारी बिना पदोन्नत हुए सेवानिवृत्त हो गए। पदोन्नति नियम को लेकर सरकार सुप्रीम कोर्ट गई है, लेकिन कोई रास्ता निकलता दिखाई नहीं दे रहा है। यही स्थिति अन्य पिछड़ा वर्ग के 27 प्रतिशत आरक्षण को लेकर भी है। पिछले दिनों मुख्यमंत्री मोहन यादव ने इन दोनों मुद्दों पर अधिकारियों को निर्देश दिए कि शीघ्र समाधान निकाला जाए।
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इसे देखते हुए अब सामान्य प्रशासन विभाग एक बार फिर कर्मचारी संगठनों से पदोन्नति को लेकर बात करेगा। सबका पक्ष सामने आने के बाद महाधिवक्ता से सलाह लेकर सुप्रीम कोर्ट में जल्दी सुनवाई के लिए आग्रह किया जाएगा। पदोन्नति को लेकर एक तरफ अनुसूचित जाति-जनजाति वर्ग है तो दूसरी ओर अनारक्षित वर्ग। दोनों के अपने-अपने तर्क हैं।
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- दोनों मामला लंबा खिंचने से परेशान हैं और चाहते हैं कि समाधान निकल आए।
- आम सहमति नहीं बन रही है। इसे लेकर सरकार मंत्रियों की समिति बनाकर प्रयास भी कर चुकी है।
- सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता मनोज गोरकेला से नए नियम का प्रारूप भी बनवाया, पर बात आगे नहीं बढ़ी।
- पिछले दिनों ओबीसी आरक्षण को लेकर मुख्यमंत्री ने जब वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की तो पदोन्नति में आरक्षण का मामला भी उठा।
- उन्होंने निर्देश दिए कि सभी पक्षों से चर्चा करके समाधान तलाशा जाए।