MP के मुरैना में बनेगी 800 मेगावाट सोलर बिजली, एमपी-यूपी करेंगे 6-6 महीने उपयोग
यह उल्लेखनीय है कि इस परियोजना से सामान्य सौर घंटों एवं पीक घंटों के दौरान समान स्तर की विद्युत आपूर्ति की जाएगी, जबकि देश में ऐसी सभी परियोजनाओं में पीक आवर क्षमता की तुलना में सौर क्षमता अनुपातिक रूप से अधिक हैं। उन्होंने यह भी बताया कि सोलर बिजली डिस्काम को बेची जाएगी। यह कंपनी उपभोक्ताओं को बिजली उपलब्ध कराएगी।
Publish Date: Fri, 03 Oct 2025 08:45:48 PM (IST)
Updated Date: Fri, 03 Oct 2025 09:02:45 PM (IST)
मुरैना से पैदा होगी बिजली।HighLights
- 2027 तक परियोजना पूर्ण करने का लक्ष्य।
- उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश को होगा लाभ।
- छह- छह महीने के लिए मिलेगी सोलर बिजली।
राज्य ब्यूरो, नईदुनिया, भोपाल। मध्य प्रदेश के मुरैना में 800 मेगावाट सोलर बिजली बनेगी। इसका उपयोग मध्य प्रदेश व उत्तर प्रदेश बारी-बारी से करेंगे। छह माह उत्तर प्रदेश और शेष छह माह मध्य प्रदेश सोलर बिजली का उपयोग करेगा। मुरैना सोलर सौर पार्क फेज -2 में इसके प्रविधान किए जा रहे हैं। इसके लिए जल्द ही टेंडर किए जाएंगे। जो निजी कंपनी चयनित होगी, उसे वर्ष 2027 तक परियोजना पूरी करनी होगी। यह बात शुक्रवार को नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री राकेश शुक्ला ने भोपाल में पत्रकार-वार्ता में कही।
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मंत्री शुक्ला ने मुरैना फेज-1 की समीक्षा की। बताया कि मध्य प्रदेश मुरैना में अपनी पहली सोलर प्लस स्टोरेज परियोजना विकसित कर रहा है, जिसमें 2.70 रुपये प्रति यूनिट का टैरिफ प्राप्त हुआ है। यह भारत में पहली बार है कि किसी फर्म एंड डिस्पेचेबल नवकरणीय ऊर्जा परियोजना के लिए तीन रुपये प्रति यूनिट से कम टैरिफ हासिल किया गया है।
ई-रिवर्स नीलामी 19 सितंबर, 2025 को 25 वर्षों के लिए निर्धारित 2.70 प्रति किलोवाट के टैरिफ के साथ संपन्न हुई, नीलामी प्रक्रिया लगभग 12 घंटे चली। सफल निविदादाता सीगल इंडिया लिमिटेड और एक्मे सोलर होल्डिंग्स लिमिटेड हैं, जिनके टैरिफ यूनिट एक और यूनिट दो के लिए क्रमशः 2.70 और 2.76 रुपये प्रति यूनिट हैं।
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दो तरीकों से समझें क्या है सोलर प्लस स्टोरेज प्रोजेक्ट
- सोलर से पैदा होने वाली बिजली से विशाल बैटरी चार्ज की जाएगी। फिर सूरज डूबने के बाद शाम को इसी बैटरी से बिजली की सप्लाई होगी। डिस्चार्ज बैटरी को मध्यरात्रि बाद सबसे कम दरों में मिलने वाली सस्ती ग्रिड पावर (थर्मल, जल या पवन) से फिर चार्ज किया जाएगा।
सुबह के समय फिर बैटरी से सप्लाई दे दी जाएगी। यानी जिस तरह घरों में बिजली जाने के बाद इनवर्टर काम आते हैं , बैटरी बैकअप रहता ठीक उसी तरह अब सोलर के बड़े प्रोजेक्ट काम करेंगे।
मुरैना पार्क में दो सौर प्लस बैटरी भंडारण ईकाइयां शामिल हैं, प्रत्येक इकाई से तीनों अवधियों में 220 मेगावाट बिजली की आपूर्ति होगी।
रियल टाइम सोलर(220 मेगावाट तक), शाम के पीक आवर्स के दौरान दो घंटे (बैटरी चार्ज करने के लिए सौर ऊर्जा का उपयोग किया जाएगा) और सुबह के पीक आवर्स के दौरान दो घंटे (बैटरी चार्ज करने के लिए रात्रि के समय सस्ती ग्रिड पावर का उपयोग किया जाएगा)।
इस पार्क को रीवा अल्ट्रा मेगा सोलर लिमिटेड (आरयूएमएसएल) द्वारा क्रियान्वित किया गया है, जिसने पहले भी प्रतिष्ठित नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं को विकसित किया है।