भोपाल (टीम नईदुनिया)। मध्य प्रदेश में किसान रबी फसलों से अच्छे उत्पादन की आस लगाए हुए थे। फसल भी लहलहा रही थी लेकिन मौसम ने ऐसी करवट ली कि किसान संकट में घिर गए। बीते तीन दिनों में हुई बारिश व ओलावृष्टि से 627 गांवों में 24,012 हेक्टेयर में लगी फसल बर्बाद हो गई। राज्य सरकार के प्रारंभिक आकलन के अनुसार शिवपुरी जिले में सर्वाधिक 17, 403 हेक्टेयर क्षेत्र की फसल को नुकसान पहुंचा है। इसके बाद राजगढ़ और विदिशा में बर्बादी हुई है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रविवार को फिर राजस्व विभाग को तत्काल सर्वे कराकर किसानों को राहत पहुंचाने के निर्देश दिए हैं।
मालवा-निमाड़ में शुक्रवार को बड़ा नुकसान करने वाले ओलों की मार शनिवार और रविवार को ग्वालियर-चंबल और बुंदेलखंड के जिलों में पड़ी। ग्वालियर की डबरा-भितरवार तहसील के अलावा शिवपुरी, भिंड, श्योपुर व मुरैना जिलों और बुंदेलखंड अंचल के छतरपुर-टीकमगढ़ में फसलों को काफी नुकसान हुआ है। रविवार सुबह खेतों को ओलों से पटा देख किसान रो पड़े। किसानों का दर्द यह है कि पिछले तीन साल से बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से फसलें बर्बाद हो रही हैं। नाममात्र का मुआवजा मिलने से वे तंगहाली में हैं।
प्रभावित जिलों में तत्काल सर्वे के निर्देश
राजस्व विभाग के प्रमुख सचिव मनीष रस्तोगी ने बताया, छतरपुर, सागर, गुना, राजगढ़, विदिशा, शिवपुरी, रतलाम, मुरैना, मंदसौर, नीमच, उज्जैन, धार, बैतूल, टीकमगढ़ व निवाड़ी में फसलों को नुकसान होने की पुष्टि हुई है। कलेक्टरों को सर्वे करवाने को कहा गया है।
फसल बीमा से दिलवाएं राहत
कृषि मंत्री कमल पटेल ने बताया कि कलेक्टरों से कहा है कि अधिसूचना जारी करें और बीमा कंपनियों को नुकसान का आकलन करने के लिए सूचित करें ताकि किसानों को आर्थिक सहायता मिल सके। राजस्व विभाग भी सर्वे करवा रहा है।
संकट की घड़ी में सरकार किसानों के साथ : मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि फसलों को बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचा है। सभी कलेक्टरों को सर्वे कराने के निर्देश दिए हैं। प्रतिवेदन आते ही किसानों को तत्काल सहायता उपलब्ध कराई जाएगी। संकट की इस घड़ी में सरकार किसानों के साथ खड़ी है।
जहां- जहां ओलावृष्टि हुई है, वहां फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई है। जिन खेतों में पानी भर गया है, वहां भी नुकसान है क्योंकि रबी फसलें अधिक पानी भी बर्दाश्त नहीं कर पाती हैं। चना और अरहर में फूल तेज हवा के साथ बारिश होने से गिर गए हैं। उत्पादन प्रभावित होना तय है। - जीएस कौशल, पूर्व कृषि संचालक
नुकसान के सर्वे की मांग काे लेकर किसानों का चक्काजाम
ग्वालियर कार्यालय के अनुसार भिंड जिले में किसानाें ने नुकसान के सर्वे की मांग काे लेकर आज दावनी बंबा के पास चक्काजाम कर दिया। हंगामे की जानकारी मिलते ही प्रशासनिक अधिकारी माैके पर पहुंचे और आश्वासन देकर जाम खुलवाया। ओलावृष्टि से फसलें तबाह हाे गई हैं। कई कच्चे मकानाें काे भी नुकसान पहुंचा है। मौके पर पहुंचे लहार एसडीएम आरए प्रजापति ने ओलावृष्टि से खराब हुई फसल का तुरंत सर्वे कराए जाने की बात कहकर जाम को खुलवाया। एसडीएम ने कुछ ग्रामीण क्षेत्रों में जाकर ओलोवृष्टि से हुए नुकसान का सर्वे भी किया।
सारी उम्मीदें टूटीं...
दतिया के ग्राम भोवई के किसान देशराज सिंह चौहान ने कहा, जब सुबह पहुंचकर खेतों की हालत देखी तो आंखें छलक उठी। इस बार की फसल से कर्ज चुकाने की उम्मीद थी लेकिन फिर मौसम ने धोखा दे दिया। गेहूं की फसल बर्बाद हो गई।
ग्वालियर चंबल अंचल में भारी नुकसान
ग्वालियर चंबल अंचल के कई इलाकाें में भारी बारिश के साथ ओलावृष्टि हुई है। इससे फसलाें काे खासा नुकसान पहुंचा है। रबी की फसल पूरी तरह से बर्बाद हाे गई है। कई क्षेत्राें में प्रशासनिक अधिकारियाें ने पटवारियाें काे नुकसान के आकलन के निर्देश भी दिए हैं।
छतरपुर जिले के अनेक गांवों में फसल पूरी बर्बाद
छतरपुर के बड़ामलहरा ब्लॉक में ओलावृष्टि और तेज बारिश के कारण करीब आधा सैकड़ा से अधिक गांवों में फसल पूरी बर्बाद हो गई है। किसानाें का रोरोकर बुरा हाल है। ग्राम कर्री, टहनगा, सिरोंज, रानी खेरा, सूरजपुरा कला, सूरजपुरा खुर्द, सड़वा, रानीताल, भरवानी, छाईकुआं, बमनी, टौरिया, धनगुवा, पिपरिया, सूरजपुरा रोड, दरगुवा, मेलवार, केवलाई सहित कई गांवाें में ओलावृष्टि का कहर बरपा है।
ओलावृष्टि से फसलें चाैपट
वहीं टीकमगढ़ एवं निवाड़ी में भी ओलावृष्टि से फसलें चाैपट हाे गई हैं। एक महिला का कृषक मक्खन देवी पत्नी शंकर निवासी पृथ्वीपुर जिला निवाड़ी का वीडियाे तेजी से इंटरनेट मीडिया पर वायरल हाे रहा है। जिसमें वह फसलाें के बर्बाद हाेने से बेहाल महिला बुरी तरह से राेती-बिलखती दिखाई दे रही हैं।
चना, मटर, सरसों, अरहर की फसल बर्बाद
शनिवार काे भी शाम से लेकर रात 9 बजे तक अलग-अलग स्थानों पर जमकर ओलावृष्टि हुई थी। जिससे रबी सीजन की चना, मटर, सरसों, अरहर की फसल बर्बाद हो गई और बड़े-बड़े ओलों की चोट से कच्चे घरों की छत सहित कई वाहनों के कांच चकनाचूर हो गए हैं। जिले की छतरपुर तहसील के अंतर्गत ग्राम ब्रजपुरा, आमखेरा, बड़ामलहरा तहसील के ग्राम भगवां, खरदूती, सिजवाहा, सेरोरा, बमनीघाट, देवरान, बिजावर तहसील के ग्राम गुलगंज, मातगुवां, रजपुरा, घिनौची, छापर सहित कई अन्य गांवों में ओलों ने कहर बरपा दिया है।
शुक्रवार की शाम नौगांव तहसील के अंतर्गत हरपालपुर अंचल के ग्राम गुढ़े, सरसेड़, काकुनपुरा, कैथोकर, लहदरा, अमां, परेथा में ओेलों ने फसलों को 60-70 प्रतिशत तबाह कर दिया था।
हालातों पर सरकार की नजर
पूरे हालातों पर सरकार नजर रखे हुए हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के अनुसार अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि प्राथमिकता से सर्वे कराकर क्षति का आकलन करें, ताकि किसानों को शीघ्रातिशीघ्र यथोचित सहायता की जाए।
मालवा-निमाड़ : मंदसौर जिले के 41 गांवों में ज्यादा नुकसान
मंदसौर : नजरी सर्वे में 41 गांवों में ज्यादा व 154 गांवों में फसलों को कम नुकसान।
रतलाम : ग्रामीण व जावरा अनुभाग में फसलों को ज्यादा नुकसान हुआ है। सर्वे के लिए चार सदस्यों की टीम बनाई गई है।
बुरहानपुर : जिले में कुछ गांवों के खेतों में चने में लगे फूल झड़ गए।
खंडवा : गेहूं की फसल आड़ी हो गई है।