
नईदुनिया प्रतिनिधि, भोपाल। मध्य प्रदेश के सीहोर जिले में स्थित वेल्लोर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (वीआईटी) विश्वविद्यालय में छात्रों के हिंसक विरोध-प्रदर्शन के बाद राज्य सरकार ने कारण बताओ नोटिस जारी किया था, जिस पर प्रबंधन ने 49 पन्नों का विस्तृत जवाब भेजा है। इसमें सभी आरोपों को सिरे से खारिज किया गया है।
विश्वविद्यालय ने दावा किया कि संस्थान में भोजन, जल शुद्धिकरण और स्वास्थ्य सुविधाओं से जुड़े सभी प्रविधान उच्च मानकों के अनुरूप हैं। उनके 17,121 छात्रों में से केवल 35 विद्यार्थियों में ही पीलिया के लक्षण पाए गए, जिन्हें तुरंत चिकित्सा सहायता दी गई।
विवि प्रबंधन ने कहा कि भोजन व्यवस्था इंदौर, भोपाल और चेन्नई के प्रतिष्ठित कैटरर्स द्वारा की जाती है। पानी की जांच आइएसओ 10500 मानकों के अनुसार होती है। जल्द ही कैंपस में फूड और वाटर टेस्टिंग लैब स्थापित की जाएगी, जिसके परिणाम सार्वजनिक होंगे।
यूनिवर्सिटी ने सरकार को बताया कि गत 25 नवंबर को इंटरनेट मीडिया पर तीन छात्रों की मौत और 300 के गंभीर हालत जैसी फर्जी खबरें फैलाई गईं, जिसके बाद कुछ छात्रों ने हिंसा और तोड़फोड़ की। एक एंबुलेंस और तीन कारें भी जला दी गई थीं। वार्डन और सुरक्षाकर्मियों पर भी हमला किया गया। यूनिवर्सिटी ने नोटिस को असत्य और अपुष्ट सूचनाओं पर आधारित बताते हुए उसे वापस लेने की मांग की है।