
राज्य ब्यूरो, नईदुनिया, भोपाल। मध्य प्रदेश विधानसभा का शीतकालीन सत्र आज प्रारंभ हो गया है। पहले दिन विपक्षी विधायकों ने छिंदवाड़ा कफ सीरप कांड को लेकर विरोध प्रदर्शन किया। विधायक अपने हाथों में बच्चों के पुतले और 'पूतना' को लेकर पहुंचे। विपक्ष ने सरकार को ही पूतना बताया और बच्चों की मौत के लिए जिम्मेदार ठहराया।
विधानसभा में शून्य काल के दौरान कांग्रेस ने हंगामा किया। सत्र की कम अवधि को लेकर उठाए सवाल। कहा जब विधायक जनहित के मुद्दे उठा ही नहीं सकते हैं तो फिर सत्र बुलाने का क्या मतलब। आसंदी के सामने आकर की नारेबाजी। संसदीय कार्य मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि कार्य मंत्रणा समिति की आज बैठक है, उसमें इस विषय पर चर्चा की जा सकती है। अध्यक्ष की व्यवस्था देने के बाद कांग्रेस के सदस्य अपने स्थान पर लौटे।
शीतकालीन सत्र में कुल चार बैठकें होंगी। इसमें राज्य सरकार वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए द्वितीय अनुपूरक बजट प्रस्तुत करेगी। वहीं, नगर पालिका और नगर परिषद के अध्यक्ष का चुनाव सीधे मतदाताओं से कराने संबंधी विधेयक, दुकान एवं स्थापना संशोधन विधेयक, मुख्यमंत्री, मंत्री, विधानसभा अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, नेता प्रतिपक्ष और विधायकों के वेतन-भत्ते संशोधन विधेयक प्रस्तुत किए जाएंगे।

पांच दिसंबर तक चलने वाले सत्र में तीन दिसंबर को अवकाश रहेगा। दो दिसंबर को द्वितीय अनुपूरक बजट (MP Winter Session) प्रस्तुत होगा, जो 10 हजार करोड़ रुपये के आसपास रह सकता है। इसमें ऐसी किसी नई योजना के लिए प्रविधान नहीं रहेंगे, जिसका भार राज्य के कोष पर आए। केंद्रीय योजनाओं के लिए राज्यांश के साथ, जल जीवन मिशन, भावांतर योजना और अधोसंरचना विकास की योजनाओं के लिए प्रविधान रखे जाएंगे।
वहीं, नगर पालिका और नगर परिषद के अध्यक्ष का चुनाव तीन साल के बाद फिर सीधे मतदाताओं से कराने के लिए संशोधन विधेयक(MP News) रखा जाएगा। 2022 में पार्षदों के माध्यम से अध्यक्ष का चुनाव हुआ था। नई व्यवस्था में रिकाल व्यवस्था लागू हो जाएंगी यानी अध्यक्ष के प्रति अविश्वास होने पर राज्य निर्वाचन आयोग 'खाली कुर्सी-भरी कुर्सी' का चुनाव कराएगा।
दुकानदार और कामगारों के लिए सप्ताह में एक दिन अनिवार्य अवकाश, दुकान खोलने के लिए गुमास्ता लाइसेंस की फीस पांच हजार रुपये करने जैसे प्रविधान दुकान एवं स्थापना संशोधन विधेयक में प्रस्तावित किए जाएंगे।
सत्र के लिए सदस्यों ने 1,497 प्रश्न भेजे हैं। छह स्थगन, 194 ध्यानाकर्षण, 52 शून्यकाल और 14 अशासकीय संकल्प की सूचनाएं प्राप्त हुई हैं। उधर, कांग्रेस सत्र में कानून-व्यवस्था, अनुसूचित जाति-जनजाति वर्ग पर अत्याचार, मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआइआर), जल जीवन मिशन की गड़बड़ी, कृषि उपजों का मूल्य के साथ खाद समय पर नहीं मिलने का मुद्दा प्रमुखता से उठाएगी।