अच्छे-बुरे की समझ के साथ विद्यार्थियों में प्रतिकार करने की क्षमता विकसित करें शिक्षक : इंदर सिंह परमार
बाल अधिकार संरक्षण आयोग की ओर से भोपाल के करियर कालेज में एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित की गई।
By Ravindra Soni
Edited By: Ravindra Soni
Publish Date: Thu, 24 Mar 2022 03:47:48 PM (IST)
Updated Date: Thu, 24 Mar 2022 03:47:48 PM (IST)

भोपाल, नवदुनिया प्रतिनिधि। विद्यार्थियों में अच्छे-बुरे की समझ के साथ अपराध के प्रतिकार करने की क्षमता विकसित करने में शिक्षक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। इसमें समाज को भी मदद करनी होगी। तभी हम बच्चों को सही ढंग से शिक्षित कर पाएंगे। यह बात स्कूल शिक्षा राज्यमंत्री इंदर सिंह परमार ने करियर लॉ कालेज के सभागृह में बाल अधिकार संरक्षण आयोग की ओर से एक दिवसीय राज्यस्तरीय प्रशिक्षण कार्यशाला के दौरान कही।
उन्होंने कहा कि बच्चों का परिवार के बाद यदि किसी संस्था से संपर्क होता है तो वह स्कूल है। स्कूल में शिक्षक ही विद्यार्थियों के व्यक्तित्व निर्माण में अहम भूमिका निभाते है। मंत्री परमार ने कार्यशाला के माध्यम से सभी शिक्षकों से आग्रह किया कि सभी शिक्षक अपने क्षेत्र में जाकर विद्यार्थियों के साथ अभिभावकों में भी बाल अधिकार के प्रति जागरूकता विकसित करें। उन्होंने कहा कि अपने अधिकारों के प्रति जागरूक और मानसिक रूप से सशक्त बच्चा ही श्रेष्ठ नागरिक बनता है।
स्कूल शिक्षा राज्यमंत्री ने कहा कि स्कूली शिक्षा में राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू की गई है। इसके तहत बच्चों को संस्कृति व संस्कार की शिक्षा दी जाएगी। बच्चों को व्यक्तित्व विकास के लिए परिवार के साथ-साथ समाज का भी महत्वपूर्ण योगदान होता है। समाज भी आगे आएं और बच्चों को सुरक्षित करें। मंत्री परमार ने बाल अधिकार संरक्षण आयोग की "बाल बोल" एप और बच्चों को बाल अधिकारों के प्रति जागरूक करने के लिए "बाल अधिकार" गीत को लांच किया।
यह कार्यशाला राज्य शिक्षा केंद्र के सहयोग से शिक्षा का अधिकार अधिनियम, बाल सुरक्षा और बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य और सायबर अपराध जैसे गंभीर विषयों पर मास्टर ट्रेनर बनाने के लिए आयोजित की गई। इस दौरान मप्र महिला एवं बाल विकास विभाग के संयुक्त संचालक विशाल नाडकर्णी, राज्य शिक्षा केंद्र के अधिकारी और मप्र बाल अधिकार संरक्षण आयोग के सदस्य ब्रजेश चौहान सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे। कार्यशाला में विषय विशेषज्ञ डॉ आरएच लता, राज्य शिक्षा केंद्र के समन्यवक आशीष भारतीय, बाल आयोग की सचिव शुभा वर्मा सहित प्रदेश के 52 जिलों से सभी सीएसी, बीआरसी, एपीसी और जनशिक्षक सहित 550 प्रतिभागी उपस्थित रहें।
बच्चों के व्यवहार और विचार समझ कर उन्हें संबल देंगे
कार्यक्रम में महिला बाल विकास विभाग के संयुक्त संचालक विशाल नाडकर्णी ने कहा कि बच्चों की सुरक्षा के लिए सभी चिंतित रहते है। उन्हें वर्तमान के अपराध से बचाने और अधिकार के प्रति जागरूक करने के लिए यह कार्यशाला मदद करेगी। कार्यशाला के माध्यम से शिक्षक बच्चों के व्यवहार और विचार समझ कर उन्हें संबल देंगे और अपराध से बचाएंगे। वहीं मप्र बाल संरक्षण आयोग के सदस्य ब्रजेश चौहान ने कार्यशाला के उद्देश्य और अपेक्षित परिणाम पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति के तहत सभी शिक्षक कार्यशाला से सीखकर बच्चों को मानसिक स्वास्थ्य लाभ देंगे। बच्चों से संबंधित शिकायत प्राप्त करने के लिए विकसित एप बच्चों की शिकायत निवारण के साथ ही सुरक्षा भी सुनिश्चित करेगा।