
नईदुनिया प्रतिनिधि, भोपाल। कोलार में एक गृहणी, जो घर के कामकाज और परिवार के बीच कुछ अतिरिक्त कमाई करना चाहती थी, इंटरनेट पर मिले एक आकर्षक वर्क फ्रॉम होम ऑफर से साइबर ठगी का शिकार बन गई। महिला को सोशल मीडिया पर वर्क फ्रॉम होम के नाम पर टास्क कंप्लीट करने का काम मिला। चुटकी बजाते ही टास्क कंप्लीट होता और महिला के खाते में तुरंत 200 रुपये आ जाते।
फटाफट अमीर बनने का सुनहरा सपना लेकर महिला ने उस टास्क एप में हजारों रुपये जमा कर दिए, वहीं जब वह राशि उसके खाते में वापस नहीं पहुंची तो वह चिंतित हो गई उस राशि को वापस लेने लाखों रुपये और दांव पर लगा दिए। करीब एक सप्ताह में उसके बैंक खाते से जब 11 लाख रुपये निकल गए तब जाकर उसका नींद टूटी तो उसे ठगी का एहसास हुआ। महिला की शिकायत पर साइबर क्राइम सेल में केस दर्ज किया गया है। पुलिस रुपये के लेनदेन में उपयोग बैंक खातों के जरिए आरोपितों तक पहुंचने का प्रयास कर रही है।
पुलिस के अनुसार कोलार निवासी 25 वर्षीय दीपा टिलवानी गृहणी हैं, पूर्व में वह एक कॉर्पोरेट कंपनी में नौकरी करती थीं। पिछले दिनों वह इंस्टाग्राम पर रील देख रही थीं, तभी उनके सामने वर्क फ्रॉम होम का एक विज्ञापन आया। टीना ने दिलचस्पी दिखाते हुए उस पर क्लिक किया तो वेबसाइट खुली, जिसमें दिए गए नंबर पर उन्होंने संपर्क किया। उस नंबर के जरिए टीना को अलग-अलग टेलीग्राम चैनलों पर जोड़ा गया। वहां कई सारे लोग पहले से मौजूद थे, जो कि आसान से टास्क पूरा करने पर लाखों रुपये कमाई होने की बातें कर रहे थे।
टीना को जब विश्वास हो गया कि महज टास्क पूरा करने से वह लाखों रुपये कमा सकती हैं तो उन्होंने भी अपना हाथ अजमाया। टीना ने टास्क एप डाउनलोड किया, जिसमें उन्होंने टास्क असाइन करने के लिए शुरुआत में 1100 रुपये जमा करना पड़े। उन्होंने चंद सैकेंडों में टास्क पूरा किया तो 200 रुपये का लाभ हुआ और 1300 रुपये उनके बैंक खाते में पहुंचे। टीना खुश हुईं और दोबारा टास्क करने लगीं, इस प्रकार उन्होंने तीन-चार बार टास्क पूरा करने पर राशि बैंक खातों में पहुंची।
तभी अचानक एक टास्क उनका फेल हो गया, तब उन्हें बताया गया कि नया टास्क पूरा करने के लिए ज्यादा राशि जमा करने को कहा। वह टास्क भी फेल हो गया तो उन्हें सात हजार रुपये जमा करने को कहा। इस प्रकार टास्क में किसी न किसी प्रकार की कमी बताकर उनका टास्क फेल कर दिया जाता और उनके करीब 50 हजार रुपये एप में फंस गए। उन रुपयों को वापस निकालने बड़े टास्क दिए जाने लगे और उसमें राशि भी ज्यादा निवेश करना पड़ी।
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इस प्रकार सात दिन में टीना ने साइबर ठगों के बैंक खाते में कुल 11 लाख 03 हजार रुपये जमा कर दिए थे। सभी जमा पूंजी और स्वजनों से रुपये लेने के बाद भी जब उनकी फंसी हुई राशि वापस नहीं मिली तो उन्हें ठगी का एहसास हुआ। एडिशनल डीसीपी क्राइम ब्रांच शैलेंद्र सिंह चौहान ने बताया कि टास्क जॉब फ्रॉड के पहले भी कई मामले सामने आए हैं, जिसमें आसान सी नौकरी के नाम पर बड़ी ठगी को अंजाम दिया जा चुका है। पुलिस ने इन मामलों में कई आरोपितों को पकड़ा है। वहीं लोगों को जागरूक किया जा रहा है।