मदन मोहन मालवीय, नईदुनिया, भोपाल। मध्य प्रदेश में सरकार की एक नीति आधी आबादी यानी महिलाओं को सशक्त करने में मील का पत्थर साबित हो रही है। यह अचल संपत्ति का क्षेत्र है, जिसमें महिलाओं की भागीदारी बराबरी में पहुंच रही है। पिछले वित्तीय वर्ष में 47 प्रतिशत संपत्तियों का पंजीयन महिलाओं के नाम पर हुआ था। चालू वित्तीय वर्ष के मई तक यह आंकड़ा 42 प्रतिशत हो चुका था।
रियल एस्टेट के जानकारों का अनुमान है कि धनतेरस तक यह आंकड़ा 50 प्रतिशत को पार कर जाएगा। संपत्ति का पंजीयन महिलाओं के नाम कराने का यह चलन वित्तीय वर्ष 2021-22 से बढ़ा है। इसके पीछे कारण यह है कि छह अप्रैल 2021 को मध्य प्रदेश सरकार ने महिलाओं को पंजीयन शुल्क में दो प्रतिशत छूट देने का प्रविधान किया था। इसके बाद से घर, प्लाट, जमीन आदि की खरीदारी में महिलाओं की हिस्सेदारी साल दर साल बढ़ती जा रही है।
वित्तीय वर्ष 2020-21 में अचल संपत्ति में मात्र 27 प्रतिशत हिस्सेदारी महिलाओं की थी। 10 वर्ष पहले तक संपत्ति के स्वामित्व में 68 प्रतिशत तक हिस्सेदारी पुरुषों की हुआ करती थी। वित्तीय वर्ष 2024-25 में प्रदेश में कुल 10 लाख 17 हजार 512 रजिस्ट्री हुई। इनमें से 47 प्रतिशत यानी चार लाख 79 हजार 857 महिलाओं के नाम पर हुई थी। जबकि पुरुषों के नाम 39.84 प्रतिशत यानी चार लाख पांच हजार 390 रजिस्ट्रियां हुईं थीं। बाकी पंजीयन मिश्रित हैं यानी संयुक्त स्वामित्व की है।
प्रदेश में अचल संपत्ति की खरीदारी पर सामान्य तौर पर स्टांप ड्यूटी और पंजीयन शुल्क मिलाकर 12.5 प्रतिशत राशि चुकानी पड़ती है। महिलाओं के नाम पर इसे खरीदने पर दो प्रतिशत छूट के साथ सिर्फ 10.5 प्रतिशत राशि देय होती है। उदाहरण के तौर पर यदि 20 लाख की संपत्ति खरीदते हैं तो स्टांप-पंजीयन के लिए कुल ढाई लाख रुपये देना होंगे। वहीं महिलाओं के नाम पर पंजीयन होने पर केवल दो लाख 10 हजार रुपये देने होते हैं। इस तरह 40 हजार रुपये की बचत बड़ा आकर्षण है।
संपत्ति का हकदार बनाने पर दो प्रतिशत की छूट की नीति ने बड़ा असर दिखाया है। अब महिला आर्थिक रूप से अधिक मजबूत है। अब उनकी बातों को भी समाज व परिवार में प्रमुखता सुना जाता है और उस पर अमल भी होता है। - शशांक शेखर ठाकुर, प्रोफेसर, समाजशास्त्र
मध्य प्रदेश में महिलाओं के नाम पर प्रापर्टी की रजिस्ट्री करवाने पर दो प्रतिशत की छूट पंजीयन शुल्क में निर्धारित है। इसके बेहतर परिणाम देखने को मिल रहे हैं, अब महिलाएं भी प्रापर्टी में आधे से अधिक की हिस्सेदार हैं। - अमित तोमर, महानिरीक्षक, पंजीयन विभाग