मुकेश विश्वकर्मा, भोपाल। बिशनखेड़ी में गोरेगांव स्थित साइ भोपाल के एथलीटों ने इस साल देश भर में अपना डंका बजाया है। यहां के खिलाड़ियों ने सबसे ज्यादा 317 पदक जीते हैं, यह अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। इतना ही नहीं इनमें भी सबसे ज्यादा 137 पदक स्वर्ण हैं, जो यहां के खिलाड़ियों की जीत का जज्बा बयां कर रहे हैं। सर्वाधिक पदक जूडो से आए हैं, इसमें तो खिलाड़ियों ने पदकों का शतक ही लगा दिया है। इसके बाद वुशू, कयाकिंग एंड केनोइंग में ज्यादा पदक अपनी झोली में डाले हैं। इसके साथ ही 11 हाकी खिलाड़ियों ने राष्ट्रीय स्तर के कैंपों में भागीदारी की है। खिलाड़ियों को खेल अकादमी और साइ सेंटर के साथ ज्वाइंट ट्रेनिंग एक्सपोजर का लाभ भी मिला। अब यहां देश का पहला अंतरराष्ट्रीय जूडो हाल भी बनाने की तैयारी है।
साई भोपाल के अर्जुन अवार्डी हाई परफार्मेंस डायरेक्टर यशपाल सोलंकी ने बताया कि मप्र के खिलाड़ियों को साई भोपाल और खेल विभाग के बीच ज्वाइंट ट्रेनिंग एक्सपोजर का फायदा मिल रहा है, इसी के चलते इतने अधिक पदक हासिल हुए। इस वर्ष जीते गए पदकों में 134 स्वर्ण, 42 रजत और 91 कांस्य पदक शामिल हैं। साई भोपाल में छह खेलों एथलेटिक्स, जूडो, वूशू, हाकी, मुक्केबाजी और कयाकिंग एंड केनाेइंग का प्रशिक्षण दिया जाता है। खेल विभाग की इन्हीं खेलों से जुड़े अकादमियों के खिलाड़ी भी ज्वाइंट ट्रेनिंग एक्सपोजर का हिस्सा बनते हैं। जिससे खिलाड़ियों की नई पौध तैयार की जा सके।
बता दे कि पिछले तीन सालों (2020 से 22) तक देश में कोरोना वायरस के प्रकोप के कारण कई राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताएं आयोजित नहीं की सकी थीं। बावजूद इसके साई भोपाल के खिलाड़ी छाए रहे। वूशु में जीते 76 पदक साई भोपाल के जूडोकाओं ने राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में पदकों का शतक पूरा किया। इस एकमात्र खेल में उन्होंने 123 पदक जीत लिए हैं। जिसमें 42 स्वर्ण, 37 रजत और 44 कांस्य पदक शामिल हैं। इतना ही नहीं 2022 में इंडोनेशिया में हुई जूनियर वर्ल्ड जूडो चैंपियनशिप में तनिशा नागर ने स्वर्ण और आयरा चिश्ती ने रजत जीता था। वर्ष 2022-23 में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नौ स्वर्ण, चार रजत और दो कांस्य पदक जीते। दूसरे नंबर पर वुशू के खिलाड़ी हैं। जिन्होंने 39 स्वर्ण, 20 चांदी और 17 कांस्य पदक के साथ 76 पदक अपने नाम किए हैं। इसके बाद कयाकिंग-केनोइंग से 32 स्वर्ण, 12 रजत और 11 कांस्य पदक समेत 55 पदक अपने नाम किए हैं।
मिशन ओलंपिक है लक्ष्य
साई भोपाल के निर्देशक विष्णु सुदाकरण के अनुसार इस साल जूडोकाओं का प्रदर्शन देखते हुए केंद्र सरकार द्वारा साई भोपाल परिसर में अंतरराष्ट्रीय स्तर का जूडो हाल भी बनाया जाएगा। जिसे बनाने के लिए 16 करोड़ रुपए खर्च होंगे। यह देश का पहला अंतरराष्ट्रीय हाल भी होगा। यह लक्ष्य मिशन 2024 पेरिस ओलंपिक है। उम्मीद है कि साई भोपाल से प्रशिक्षण लेने वाले कई खिलाड़ी ओलंपिक खेल का हिस्सा भी बनेंगे।खिलाड़ियों को 11 प्रशिक्षकों द्वारा छह खेलों का प्रशिक्षण दिया जाता है।