बुरहानपुर (नईदुनिया प्रतिनिधि)। एशिया के पहले अखबारी कागज कारखाना नेपा मिल में मंगलवार से फिर कागज का उत्पादन शुरू हो रहा है। केंद्र सरकार से मिले करीब 469 करोड़ रुपये के रिवाइवल पैकेज से मिल का नवीनीकरण किया गया है। मिल के शुभारंभ कार्यक्रम में केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री महेंद्रनाथ पांडेय, राज्यमंत्री किशन पाल गुर्जर और भाजपा के अन्य नेता शामिल हुए। इस दौरान केंद्रीय मंत्री ने नेपा मिल के साथ ही पांच सौ करोड़ से ज्यादा के विकास कार्यों का लोकार्पण व भूमिपूजन किया। प्रदेश के मंत्री ओमप्रकाश सखलेचा व सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल भी मौजूद रहे। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान इस कार्यक्रम में शामिल नहीं हो सके।
एशिया के पहले अखबारी कागज कारखाना नेपा लिमिटेड के नवीनीकरण और नए संयंत्रों का शुभारंभ करने नेपानगर पहुंचे केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री महेंद्र नाथ पांडे ने क्षेत्र की जनता को भरोसा दिलाया है कि नेपा मिल का धुआं अब बंद नहीं होगा। यह आने वाले समय में और बढ़ जाएगा। जब तक मिल की चिमनी से धुआं उठता रहेगा नेपानगर क्षेत्र के सैकड़ों परिवारों का चूल्हा जलता रहेगा।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संकल्प को आगे बढ़ाते हुए हमने नेपा मिल को तीन चरणों में 770 करोड रुपए पुनरुद्धार के लिए दिए हैं। इस मिल से प्रगति के अनंत द्वार खुलेंगे। मिल में उत्कृष्ट क्वालिटी का पेपर तैयार किया जाएगा। इस मिल को हमने विश्व की जरूरतों के हिसाब से तैयार किया है। कागज की गुणवत्ता के मामले में नेपा मिल का कोई सानी नहीं है।
नेपा मिल प्रबंधन और जिला प्रशासन के मुताबिक केंद्रीय मंत्री का हेलिकाप्टर नेपानगर से करीब सात किमी दूर अंबाड़ा में बनाए गए हेलिपैड पर उतरा। वहां से वे ताप्ती अतिथि गृह पहुंचे। इसके बाद वे नेपा लिमिटेड कारखाने में उत्पादन का शुभारंभ किया। इस दौरान मिल के विभिन्न हिस्सों का निरीक्षण है। इसके बाद नेहरू स्टेडियम में आयोजित सभा होगी। सोमवार को भी कलेक्टर प्रवीण सिंह और पुलिस अधीक्षक राहुल लोढ़ा ने कार्यक्रम स्थल का दौरा कर व्यवस्थाएं देखीं।
पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने किया था शुभारंभ
नेपा मिल के अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक सौरभ देब ने बताया कि मिल की स्थापना के 66 साल पूरे हो चुके हैं। इस मिल को 26 अप्रैल 1956 में तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने देश के नाम समर्पित किया था। इसी दिन से मिल में व्यावसायिक कागज का उत्पादन भी शुरू हुआ था। वर्ष 2015 से नवीनीकरण के चलते मिल पूरी तरह बंद थी। वर्ष 2019 से मिल के नवीनीकरण का काम शुरू हुआ था, जो 2022 में पूरा हो पाया।
इन कार्यों का लोकार्पण और भूमिपूजन
केंद्रीय मंत्री के हाथों नेपा मिल सहित करीब 504 करोड़ के विकास कार्यों का लोकार्पण और 49 करोड़ के कार्यों का भूमिपूजन हुआ। जिन कार्यों का लोकार्पण हुआ, उनमें नेपा मिल संयंत्र 46900 लाख, पलासुर से बड़ीखेड़ा मार्ग 259.70 लाख, बीड से नेपानगर मार्ग 70 लाख, नायर बैराज 304.63 लाख, बीस अमृत सरोवर निर्माण 343.54 लाख, पुष्कर धरोहर योजना के कार्य 309.81 लाख, 55 अमृत सरोवर निर्माण 889.83 लाख रुपये आदि शामिल हैं। इसके अलावा ताजनापुर से सिंधीनाला मार्ग 530.76 लाख, झिरपांजरिया-अम्बा मार्ग 2588 लाख, सुंदर नगर से कुंदन दूध डेयरी मार्ग 617 लाख, सातोड़ से समरदेव मार्ग 142 लाख और 240 सीटर बालक छात्रावास निर्माण लागत 1005 लाख रुपये के कार्यों का भूमिपूजन है।
नेपा मिल का अब तक का सफर
- 26 जनवरी 1947 को नायर बंधुओं ने नेपा मिल की नींव रखी थी।
- 26 अप्रैल 1956 को प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने इसे केंद्र के आधीन लेकर देश के नाम समर्पित किया।
- 27 मार्च 1969 को दो नंबर मशीन स्थापित हुई, जिससे कारखाने की उत्पादन क्षमता बढ़कर 67500 टीपीए हो गई थी।
- 1978 में मिल ने एमपीईबी का चांदनी गांव स्थित थर्मल पावर स्टेशन 1.50 करोड़ में खरीदा।
- 21 फरवरी 1989 को मिल का नाम बदल कर नेपा लिमिटेड किया गया।
- 1991 में कारखाने ने रिकार्ड 75512 एमटी कागज का उत्पादन कर 14.32 करोड़ रुपये का लाभ कमाया।
- 1992 में नेपा मिल में 49 जीएसएम के कागज का उत्पादन शुरू हुआ। 1995 में पिंक न्यूजप्रिंट का उत्पादन शुरू हुआ।
- अगस्त 1996 में एचटी ग्रिड से बिजली सप्लाय रोके जाने के कारण मिल बंद हो गई थी। इसके बाद केंद्र सरकार ने मिल को निजी हाथों में सौंपने का प्रयास किया था।
- 1997 में मिल में फिर उत्पादन शुरू हुआ। इसी साल से 44 जीएसएम कागज का उत्पादन भी शुरू किया गया।
- जुलाई 2015 में कारखाने की खस्ता हालत के कारण नेपा मिल को पूरी तरह बंद कर दिया गया था।
- 23 अगस्त 2022 से फिर नेपा मिल में कागज का उत्पादन शुरू होने जा रहा है।