बुरहानपुर। जिले में पौष सुदी पूर्णिमा पर प्रसिद्घ श्री रोकड़िया हनुमान और मोती माता के वार्षिक मेले की शुरुआत हुई। मेलों में भाग लेने और दर्शन के लिए दूरदराज से हजारों लोग पहुंचे। श्री रोकड़िया हनुमान का मेला (जत्रा) एक दिन का है, जबकि मोती माता का मेला पूरे सप्ताह भरेगा।
बुरहानपुर शहर सीमा से लगे ग्राम उख्खड़गांव में उतावली नदी के तट पर स्थित प्राचीन श्री रोकड़िया हनुमान मंदिर पर गुरुवार सुबह अखंड रामायण पाठ का समापन हुआ। इसके साथ ही 1 दिवसीय जत्रा में हजारों नागरिक पहुंचे। वार्षिक मेले का शुभारंभ मंदिर में सुबह मंगला आरती व दर्शन के साथ हुआ। आधी रात चले मेले में आए हजारों श्रद्धालुओं को कतार लगाकर दर्शन कराना पड़ा। ठंड कम होने से सुबह से ही मंदिर में श्रद्धालु बड़ी संख्या में पहुंचे। निमाड़ में दक्षिण भारतीय स्थापत्य शैली के एकमात्र मंदिर में वार्षिक जत्रा पर प्राचीन श्री रोकड़िया हनुमान मूर्ति का आकर्षक श्रृंगार किया गया है। मेले में जिले के अलावा खंडवा, इंदौर, महाराष्ट्र के जलगांव, मुक्तईनगर, मुंबई, सीमावर्ती हिस्सों से भी बड़ी संख्या में अनुयायी आए।
पर्यटन विभाग ने दी सुविधाएं
श्रीरोकड़िया हनुमान मंदिर के पुजारी पंडित संदीप शुक्ला ने बताया कि मप्र राज्य पर्यटन विकास निगम ने मंदिर परिसर में एक बड़ा हॉल, दो कमरे, महिला- पुरुषों के लिए अलग-अलग शौचालय, एक मंच व सुव्यवस्थित परिसर बनाकर दिया है। मंदिर में हर रविवार शाम 5 बजे से संगीतमय सुंदरकांड का पाठ भी किया जाता है।
प्राण-प्रतिष्ठा पर भंडारा
लालबाग क्षेत्र में हनुमान मंदिर पर शनिदेव की प्रतिमा की प्राण-प्रतिष्ठा की गई। इस मौके पर भंडारा का भी आयोजन किया गया। इसमें सैकड़ों श्रद्धालुओं ने शामिल होकर भक्तिभाव से भंडारा प्रसादी ग्रहण की।
मोती माता के मेले में आए श्रद्धालु
जिले की खकनार तहसील के दूरस्थ गांव लोखंडिया में भी मोती माता का वार्षिक मेला भरा। एक सप्ताह चलने वाले मेले में देवी दर्शन के लिए देश-विदेश से बंजारा समाज के हजारों अनुयायी पहुंच रहे हैं। गुरुवार को पौष सुदी पूर्णिमा पर हजारों महिला,पुरुषों,बच्चों व वृद्घजनों के गोकुल ग्राम पहुंचने से व्यवस्थाएं बौनी हो गई। स्थानीय ग्राम पंचायत द्घारा मेले को लेकर पर्याप्त व्यवस्थाएं नहीं करने से बड़ी दिक्कतें आई। बुनियादी सुविधाओं के अभाव में हजारों नागरिक परेशानी हुए। मेला स्थल पर सार्वजनिक प्रसाधन गृहों की व्यवस्था नहीं होने से करीब 5 एकड़ में मेला स्थल का बाहरी हिस्सा गंदगी के मैदान में तब्दील हो गया। मेला स्थल पर पेयजल की उपलब्धता की कमी के चलते मेले में आए हजारों नागरिकों को उतावली नदी का दूषित हो रहे जल का उपयोग करना पड़ा।
सत्यनारायण की कथा ग्राम लोखंड़िया में मकर संक्रांति 14 जनवरी से आरंभ हुआ मेला 20 जनवरी तक चलेगा। बुधवार रात मंदिर में भगवान श्री सत्यनारायण की कथा हुई और प्रसाद का वितरण हुआ। गुरुवार सुबह मंदिर में देवी को निशान चढ़ाने के साथ मेले की विधिवत शुरुआत हो गई। मेले को लेकर संक्रांति पूर्व से ही श्रद्धालुओं का पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया था।
आदिवासी बहुल लोखंडिया में मोती माता का मेला पूरे शबाब पर है। मेले में लगी सैकड़ों दुकानें आकर्षक का केन्द्र बनी है। रात में मेले की रंगत देखते ही बन रही है। इस बार ठंड कुछ कम पड़ने से मेले में अधिक चहल-पहल है।