- जनसुनवाई में कलेक्टोरेट पहुंचे 50 युवाओं ने एडीएम से पूछा सवाल
बुरहानपुर नईदुनिया प्रतिनिधि
विकासोन्मुखी कार्यों और योजनाओं से महरूम झिरपाजरिया गांव के करीब 50 से ज्यादा युवा मंगलवार को जनसुनवाई में कलेक्टोरेट पहुंचे। यहां एडीएम रोमानुस टोप्पो को अपना आवेदन सौंपते हुए युवाओं ने सवाल दागा कि साहब झिरपाजरिया गांव को सरकार ही भुला बैठी है या पंचायत के पदाधिकारी छल कर रहे हैं। ग्रामीणों को लंबे समय से यही पता नहीं चल पा रहा कि आखिर गांव में विकास के कार्य और योजनाओं का लाभ देना क्यों बंद कर दिया गया है। इस मामले में पंचायत के सरपंच और सचिव से बात करने पर वे सरकार की ओर से फंड जारी नहीं होने की बात कह रहे हैं। जिसके चलते गांव के लोगों का लगातार शहरों की ओर पलायन हो रहा है। गांव के बलीराम खरते, पप्पू सेलकर, रवि बड़ोले, राजू बड़ोले, हासीराम चौहान, सुरेश सोलंकी समेत अन्य युवकों ने बताया कि गांव में शिक्षा, सड़क, स्वास्थ्य और पेयजल समेत अन्य कई तरह की सरकारी सुविधाएं मुहैया नहीं हैं। गांव के स्कूल में पदस्थ एक शिक्षक पर 150 छात्र-छात्राओं की जिम्मेदारी है। स्कूल में न तो शौचालय है और न पेयजल का इंतजाम। गांव तक पहुंचने वाली सड़क लंबे समय से जर्जर है जिसकी मरम्मत नहीं कराई गई। जिससे गांव में आपात स्थिति में एम्बुलेंस का पहुंच पाना भी मुश्किल होता है। गांव की आबादी 10 हजार से ज्यादा होने के बावजूद उप स्वास्थ्य केंद्र में एक भी डॉक्टर या नर्स तैनात नहीं है। यहां तक कि बच्चों को टीके भी नहीं लग पा रहे। गांव के अधिकांश हैंडपंप खराब हैं और पेयजल के लिए अब भी मारामारी है। इसके अलावा किसानों संबंधी योजनाएं, आवास योजना, राशन,शौचालय, यात्री प्रतीक्षालय, बिजली गुल की समस्या समेत कई तरह की समस्याएं हैं। उन्होंने अपर कलेक्टर से इन समस्याओं का जल्द समाधान कराने की मांग की है।
किसानों को जल्द मिले राहत
जिले में अतिवृष्टि के कारण खराब हुईं फसलों और अब तक सरकार की ओर से राहत राशि जारी नहीं किए जाने को लेकर किसान विकास मंच समिति के पदाधिकारियों ने भी मंगलवार को जनसुनवाई में ज्ञापन सौंपा। मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर के जरिए भेजे गए ज्ञापन में समिति के अध्यक्ष मनोहर चौधरी, सचिव नवीन पाटीदार, कोषाध्यक्ष माणिकराव पाटिल आदि ने कहा है कि औसत से 150 प्रतिशत ज्यादा बारिश होने के कारण मूंग, चवला, उड़द आदि पैदावार हुई ही नहीं है। साथ ही मक्का, ज्वार, सोयाबीन की जो फसलें पक रही हैं बारिश के कारण किसान घर तक नहीं ला पाए। वह खेतों में ही सड़ गई हैं। ऐसी स्थिति में किसानों के पास जीवन यापन और अगली फसल के लिए कोई इंतजाम नहीं है। इसी प्रकार कपास की फसल के घेटे बारिश के कारण सड़ गए हैं और जो कपास फूटी है उस पर पानी के कारण बिनौलों में भी अंकुरण हो गया है। जो बचा है वह दागी होने के कारण बेहद कम दाम में बिकेगा। उन्होंने मांग की है कि किसानों के खाते में कर्जमाफी का दो लाख रुपए तुरंत दिया जाए और नुकसानी का सर्वे कराकर जल्द मुआवजा वितरण किया जाए।
बारिश से कपास फसल सहित अन्य फसलें खराब, किसानों की बढ़ी चिंता
धूलकोट। ग्राम गंभीरपुरा सहित आसपास के क्षेत्रों में लगातार बारिश के कारण ज्वार, मक्का, सोयाबीन, कपास की फसल खराब होने हो गई है। किसानों ने बताया कि खेतों में ज्वार मक्का, सोयाबीन ने अंकुर फोड़ दिया है। धूलकोट, बोरी, सुक्ताखुर्द, दवाटिया, झिरपांजरिया, अंबा, इटारीया सहित कहीं गांव में फसल खराब हो चुकी है। दूर सिंह पिता चैन सिंह की 2 एकड़ में लगी कपास खराब हो चुकी है। ग्राम नील खाटी में भाव लाल सोलंकी की ज्वार खराब हो चुकी है। इनमें से अंकुर फूट गए हैं।
आर्थिक मंदी को लेकर ज्ञापन
बुरहानपुर। भाऊ वेलफेयर फाउंडेशन के सदस्यों के द्वारा श्री महालक्ष्मी मंदिर में माताजी को देश में व्याप्त भयंकर आर्थिक मंदी को लेकर ज्ञापन सौंपा। अजय बलापुरकर ने मंदिर में ही ज्ञापन पढ़कर सुनाया। इस अवसर पर संजय चौधरी, राजेश भगत, विजय राठौर, जय कुमार गंगराड़े आदि मौजूद थे।