नईदुनिया प्रतिनिधि, बुरहानपुर। बुरहानपुर जिले के निमाड़ वैली स्कूल के संचालक और कांग्रेस नेता नूर काजी पर छात्राओं से ‘बैड टच’ के गंभीर आरोप लगे हैं। छात्राओं के स्वजन और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (AVBP) ने थाने में शिकायत करके एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई की मांग की है। इस संबंध में कांग्रेस के ही छात्र संगठन (NSUI) ने भी शिकायत कर स्कूल संचालक काजी के खिलाफ एफआईआर की मांग की है।
बुरहानपुर के थाना प्रभारी-गणपति नाका सुरेश महाले ने कहा कि महिला थाने में पीड़िताओं के बयान दर्ज किए गए हैं। स्कूल से डीवीआर जब्त कर साइबर सेल से जांच कराई जा रही है। बयान और जांच प्रक्रिया पूरी होने के बाद विधि संगत कार्रवाई की जाएगी। इसकी जांच से छात्राओं को मुस्लिम बताकर फर्जी वोटिंग कराने के आरोप भी स्पष्ट हो जाएंगे।
दरअसल, एक दिन पहले आरोप लगा था कि स्कूल संचालक काजी ने युवा कांग्रेस के संगठनात्मक चुनाव में एक विधानसभा क्षेत्र अध्यक्ष प्रत्याशी के पक्ष में अपने स्कूल की कई हिंदू छात्राओं को मुस्लिम दर्शाकर उनके फर्जी वीडियो बनवाकर इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित कराए। अब बैड टच के आरोप के बाद काजी की मुश्किलें और बढ़ गई हैं।
ये भी पढ़ें- बुरहानपुर के बड़गांव में बढ़ता जा रहा डायरिया का प्रकोप, मरीजों की संख्या बढ़कर हुई 24, अलर्ट पर स्वास्थ्य विभाग
बता दें कि गुरुवार को हिंदू छात्राओं के स्वजन और विद्यार्थी परिषद के पदाधिकारियों ने निमाड़ वैली स्कूल में दो घंटे से ज्यादा समय तक हंगामा करने के साथ आधे घंटे के लिए इंदौर-इच्छापुर नेशनल हाइवे जाम कर दिया था। उनका आरोप था कि 12वीं की हिंदू छात्राओं के मुस्लिम नाम से जबरन वीडियो बनवाकर युवा कांग्रेस के एक विधानसभा अध्यक्ष प्रत्याशी के पक्ष में मतदान कराया गया। छात्राओं से जबरन ओटीपी लिए गए और बाद में डिलीट भी कर दिए गए। इस दौरान छात्राओं से बैड टच किया गया। एसडीएम अजमेर सिंह गौड़ सहित अन्य अधिकारियों ने जांच कर जल्द कार्रवाई का आश्वासन दिया था।
युवा कांग्रेस की चुनाव प्रक्रिया के दौरान फर्जी मतदान कराने का मामला प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय तक पहुंच गया है। विधानसभा अध्यक्ष प्रत्याशी देव ठाकुर ने इसकी शिकायत की है। इसके साथ ही कांग्रेस के जिला प्रभारी ग्यारसी लाल रावत ने भी इस घटनाक्रम को गलत बताते हुए प्रदेश नेतृत्व से मार्गदर्शन लेने की बात कही है। उन्होंने स्वीकार किया कि स्कूल कैंपस में मतदान नहीं होना चाहिए और वास्तविक युवा का स्वेच्छा से मतदान करना आवश्यक है। सूत्रों के अनुसार जांच के बाद कांग्रेस उस प्रत्याशी को चुनाव प्रक्रिया से बाहर का रास्ता दिखा सकती है, जिसके पक्ष में फर्जी मतदान प्रमाणित पाया जाएगा।