MP News: चलती दुरंतो एक्सप्रेस में महिला ने दिया बच्चे को जन्म, साथी यात्री महिलाओं ने कराई डिलीवरी
जब बच्चे की किलकारी गूंजी तो सभी खुश हो गए और यात्रियों ने बड़ी राहत की सांस ली। रेल कर्मचारियों ने बुरहानपुर स्टेशन पर ट्रेन रुकवाकर कराया अस्पताल में भर्ती।
By Sameer Deshpande
Edited By: Sameer Deshpande
Publish Date: Thu, 04 Apr 2024 10:21:14 AM (IST)
Updated Date: Thu, 04 Apr 2024 12:27:04 PM (IST)
चलती दुरंतो एक्सप्रेस में महिला ने दिया बच्चे को जन्मHighLights
- चलती ट्रेन में जब यात्री महिला को प्रसव पीड़ा उठी तो उसका पति और साथी यात्री घबरा गए।
- पास बैठी महिलाओं ने ही उसकी डिलीवरी करा दी।
- जब बच्चे की किलकारी गूंजी तो सभी खुश हो गए और यात्रियों ने बड़ी राहत की सांस ली।
MP News: नईदुनिया प्रतिनिधि, बुरहानपुर। चलती ट्रेन में जब यात्री महिला को प्रसव पीड़ा उठी तो उसका पति और साथी यात्री घबरा गए। चांस कुछ नहीं था, पास बैठी महिलाओं ने ही उसकी डिलीवरी करा दी। यह देख सब घबरा गए, लेकिन जब बच्चे की किलकारी गूंजी तो सभी खुश हो गए और यात्रियों ने बड़ी राहत की सांस ली। रेलवे से संपर्क कर तुरंत ट्रेन को बुरहानपुर स्टेशन पर रुकवाया गया जहां जच्चा-बच्चा दोनों को जिला अस्पताल में भर्ती कराया।
दरअसल रीवा निवासी शेख हफीज मुंबई में सेल्समैन की नौकरी करता है। पत्नी बेबी बाई की डिलीवरी कराना थी, इसलिए मुंबई से रीवा घर जा रहा था, क्योंकि डॉक्टर ने एक से दो दिन में डिलीवरी का समय दिया था। मुंबई से ट्रेन क्रमांक 12293 एलटीटी-प्रयागराज
दुरंतो एक्सप्रेस से यात्रा करते समय जब गाड़ी भुसावल रेलवे स्टेशन से आगे बढ़ी तो पत्नी को प्रसव पीड़ा होने लगी, यह देख सभी घबरा गए। पास में बैठी महिलाओं ने हालात देख वहीं बोगी में ही डिलीवरी करवाई।
जब बच्चे की किलकारी सुनी तो राहत मिली। इसके बाद
रेलवे स्टाफ ने भी खासी मदद की और ट्रेन को बुरहानपुर स्टेशन पर रुकवाया। जच्चा बच्चा दोनों को जिला अस्पताल पहुंचाया। महिला की नॉर्मल डिलीवरी होने पर अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। यह मामला दो अप्रैल रात 11.30 बजे का है।
बेटे का नाम रखा अबू बकर
पिता शेख हफीज बताते हैं कि मेरी पत्नी का नाम बेबी है, मेरे बड़े बेटे का नाम उमर है और बेटी का नाम जीनत फातिमा है। अभी ट्रेन में जन्म लेने वाले बेटे का नाम मैंने अबू बकर रख दिया।
इन लोगों ने ट्रेन में की मदद
रेलवे कर्मचारी स्टाफ ने इसमें सहयोग किया। इसमे नंद बिहारी मीना, आलोक शर्मा, राजकरन यादव और इंद्र कुमार मीना सहित अन्य लोगों ने मदद की।