
नेपानगर/बुरहानपुर (नईदुनिया प्रतिनिधि)। जंगल बचाने के लिए अब ग्रामीण खुद आगे आ रहे हैं, लेकिन अतिक्रमणकारी और वन माफिया उनके इस मंसूबे पर पानी फेर रहे हैं। फिर भी ग्रामीण पीछे नहीं हट रहे हैं। पिछले दिनों ग्राम बाकड़ी के ग्रामीणों ने चौराहे पर जंगल बचाने और बिना अनुमति जंगल में प्रवेश न किए जाने का बोर्ड लगाया था। जो चोरी चला गया था। इसकी शिकायत नेपानगर थाने में की गई थी। गुरूवार को ग्रामीणों ने रैली निकालकर ग्राम मांडवा में बोर्ड स्थापित किया। जिसमें लिखा गया कि इस सीमा के भीतर कोई भी बाहरी व्यक्ति तथा सरकारी अधिकारी ग्राम सभा व हमारे गांव की जंगल बचाओ कमेटी के बिना इजाजत वन भूमि, वन संसाधनों पर हस्तक्षेप नहीं कर सकता। ऐसा करना अपराध माना जाएगा। वन संसाधनों का संरक्षण एवं प्रबंधन करने का अधिकार हमारी ग्राम सभा को है। ग्राम मांडवा में इसे लेकर ग्राम सभा में निर्णय किया गया। गुरुवार को रैली के रूप में ग्रामीण बोर्ड लगाने पहुंचे। गांव की पारंपरिक सीमा में लोहे का बोर्ड लगाया गया। जिसकी अनुसार पूर्व दिशा में नदी, पश्चिमी दिशा में काकरिया हनुमान मंदिर, उत्तरी दिशा में सागफाटा रेलवे स्टेशन के समीप दक्षिणी दिशा में मसक नदी के आगे डिपो डबरा गांव की पारंपरिक सीमा है।
रैली के बाद जनसभा का भी हुआ आयोजन
रैली के बाद पटेल मोहल्ला में जनसभा का आयोजन किया गया। जिसमें आदिवासी एकता संगठन बुरहानपुर के अध्यक्ष रतन खरते, नाहर सिंह जिला अध्यक्ष आदिवासी एकता परिषद बुरहानपुर, रूमसिंह पूर्व सरपंच बाकड़ी, गुमान पटेल अध्यक्ष वन अधिकार समिति बोरगांव बुजुर्ग, सरपंच सराय गोखर सिंह, थावर सिंह पूर्व उपसरपंच मांडवा, नंदराम जमरा पूर्व सरपंच मांडवा, आदिवासी एकता संगठन बुरहानपुर के पूर्व सचिव रमेश फेना रावत, ग्राम के पटेल तेरसिंह, बसंत सिलदार पटेल सहित आस पास के 15 से अधिक गांव के लोग इस दौरान उपस्थित थे। साथ ही जंगल को संरक्षित बनाने के लिए शपथ ली गई।