MP में चौंकाने वाला फर्जीवाड़ा! ऑनलाइन सेंटर का संचालक बना रहा था फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र
गोवर्धन द्वारा दिया गया प्रमाण पत्र तीन अक्टूबर का था और उसमें नायब तहसीलदार के हस्ताक्षर व सील लगी हुई थी। फर्जीवाड़े का पता चलने पर सचिव ने नायब तहसीलदार को सूचना दी। जांच में मृत्यु प्रमाण पत्र फर्जी पाया गया।
Publish Date: Fri, 31 Oct 2025 06:58:53 PM (IST)
Updated Date: Fri, 31 Oct 2025 07:13:51 PM (IST)
नायब तहसीलदार की शिकायत पर खकनार थाने में केस दर्ज।HighLights
- गोवर्धन द्वारा दिया प्रमाण पत्र तीन अक्टूबर का था।
- उसमें नायब तहसीलदार के हस्ताक्षर व सील थी।
- पता चला तो सचिव ने नायब तहसीलदार को सूचना दी।
नईदुनिया प्रतिनिधि, बुरहानपुर। खकनार तहसील में चाौंकाने वाला फर्जीवाड़ा सामने आया है। तहसील मुख्यालय में फोटोकापी और एमपी ऑनलाइन सेंटर चलाने वाला युवक अधिकारियों के फर्जी हस्ताक्षर कर लोगों को मृत्यु प्रमाण पत्र बांट रहा था।
नायब तहसीलदार कविता सोलंकी की शिकायत पर खकनार थाना पुलिस ने आरोपित संचालक विनोद पवार निवासी पांगरी के खिलाफ विभिन्न धाराओं में केस दर्ज कर लिया है।
हालांकि शुक्रवार शाम तक उसकी गिरफ्तारी नहीं हो पाई थी। दरअसल बिजौरी निवासी गोवर्धन पुत्र ताराचंद ने पंचायत सचिव दीपक आम्बेकर को अपने काका गोकुल पुत्र हीरा का मृत्यु प्रमाण पत्र दिया था।
सचिव ने जांच करने के लिए जब प्रमाण पत्र का आरएस नंबर ऑनलाइन पोर्टल पर डाला तो पता चला कि उसी नंबर का एक प्रमाण पत्र एक अक्टूबर को तहसीलदार जितेंद्र अलावा के डिजिटल हस्ताक्षर से जारी हो चुका है।
गोवर्धन द्वारा दिया गया प्रमाण पत्र तीन अक्टूबर का था और उसमें नायब तहसीलदार के हस्ताक्षर व सील लगी हुई थी। फर्जीवाड़े का पता चलने पर सचिव ने नायब तहसीलदार को सूचना दी। जांच में मृत्यु प्रमाण पत्र फर्जी पाया गया।
आरोपित ने ढाई हजार रुपये लिए
- गोवर्धन ने पुलिस को दिए बयान में बताया है कि 29 सितंबर को वह काका गोकुल का मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने लोकसेवा केंद्र खकनार गया था। वहां उससे शपथ पत्र बनवा कर लाने के लिए कहा गया।
- इसके बाद वह रोहन फोटोकापी और आनलाइन सेंटर पहुंचा। जहां संचालक विनोद पवार ने ढाई हजार रुपये में प्रमाण पत्र बनवा कर देने की बात कही।
- गोवर्धन ने 600 रुपये अग्रिम दिए। तीन दिन बाद उसने 19 सौ रुपये लिए और गोवर्धन को प्रमाण पत्र दे दिया। उसे इस बात की जानकारी ही नहीं हुई कि जो प्रमाण पत्र दिया गया है, वह फर्जी है।
- इस फर्जीवाड़े में तहसील का भी कोई कर्मचारी शामिल है य नहीं और अब तक ऐसे कितने प्रमाण पत्र बना कर बांटे जा चुके हैं इसकी जांच की जा रही है।
शिकायत मिलने पर आरोपित के खिलाफ जालसाजी सहित अन्य धाराओं में केस दर्ज कर लिया गया है। फर्जीवाड़े में संलिप्त अन्य लोगों की जांच भी की जा रही है।
- अभिषेक जाधव, थाना प्रभारी खकनार।