नप्र, छतरपुर-लवकुशनगर। छतरपुर जिले में आज भी दर्जनों गांव ऐसे हैं जो राजस्व और वनविभाग के बीच उलझ़े हुए हैं। जहां गांव के लोग खेती करने जाते हैं तो वनविभाग कार्रवाई करता है और ट्रैक्टर आदि संसाधनों को जब्त करने की कार्रवाई तक की जाती है और अगर लोग खेती नहीं करते तो उनके आर्थिक तंगी झेलनी पड़ती है।
जिले के हर विकासखंड में इस तरह के विवाद में गांव और ग्रामीण उलझे हुए हैं। हालांकि इस मसले पर प्रदेश स्तर से ध्यान दिया जा रहा है। लेकिन राजस्व और वनविभाग के आला अफसरों की बैठक नहीं होने से इन गांवों का तोड़ नहीं निकल पा रहा है। छतरपुर जिले में अधिकतर गांव खेती किसानी से जुड़े हुए हैं। जहां लोग खेती करते हैं और वनक्षेत्र के उत्पादों से आय अर्जित करते हैं। लेकिन वनविभाग की लक्ष्मण रेखा उनको आगे नहीं आने देती।
इधर छतरपुर जिले के लवकुशनगर में राजस्व और वनविभाग की सीमाक्षेत्र में उलझे गांवों की फाइलों को एसडीएम देवेंद्र चौधरी ने खुलवादी हैं। कहां किस गांव में क्या हालात हैं इसे लेकर तहसील कार्यालय में आरआई पटवारियों के साथ बैठक की। आपको बता दें कि जनपद क्षेत्र जहां 20 से अधिक गांवों में राजस्व व वन विभाग के बीच सीमा क्षेत्र को लेकर बीते 59 वर्षों से विवाद चला आ रहा है कई बार जमीनों के नक्शे मिलान किए गए नपती हुई फिर भी विवाद नही सुलझ सका।
सरकार के निर्देश के बाद लवकुशनगर एसडीएम देवेंद्र चौधरी ने विशेष पहल शुरू की क्षेत्र के झूमरहार, गुढ़ाकला, सिलपतपुरा, लक्ष्मनपुरा, केशरीपुरा, हड़ुआ, कटहरा, प्रतापपुरा,भि तारिया, पिपरी, सिध्दपुर, बम्होरी पुरवा सहित अन्य गांव शामिल है इन गांवों के ज्यादातर ग्रामीण सीमा विवाद को लेकर खेती नही कर पा रहा है वन विभाग अपनी जमीन बताकर किसानों के वाहनों को जब्त कर रहा है बीते वर्ष पिपरी गांव में दो किसानों के ट्रैक्टरों पर जब्ती की कार्रवाई की थी वे ट्रैक्टर आज भी वन परिक्षेत्र में रखे है उन पर सुनवाई नही हो रही है। 1965 से तहसील कार्यालय में मामले है पेंडिंग राजस्व व वन विभाग सीमा क्षेत्र को लेकर 1965 के मामले पेंडिंग फाइलें तैयार हुई पर निराकरण नही हो सका। ऐसी सभी फाइलों को एक बार फिर से तलब किया गया है।
दो विभागों के बीच बने सीमा क्षेत्र के विवाद को सुलझाने राजस्व विभाग प्राकृतिक सीमा क्षेत्र जैसे पहाड़ व नदियों को सीमा क्षेत्र मानकर विवाद को सुलझाएंगे। शासन से निर्देश प्राप्त हुए है कि वन विभाग व राजस्व सीमा को लेकर विवाद निराकरण करने है इसलिए इलाके के 20 गांवों के पेंडिंग मामलों की फाइलें दिखवाई गईं जल्द ही निराकरण होगा। जिस तरह से लवकुशनगर एसडीएम ने इन गांवों की समस्या पर ध्यान दिया है उसी तरह अन्य विकासखंडों के एसडीएम को भी गौर करने की जरूरत है। क्योंकि रास्ता खुलेगा तो ग्रामीणों की समस्याओं का समाधान हो सकेगा।
दो विभागों के बीच सीमा क्षेत्र के विवाद को सुलझाने में राजस्व विभाग प्राकृतिक सीमा क्षेत्र जैसे पहाड़, नदियों और वन विभाग के मुनारों की सीमा क्षेत्र मान कर विवाद को सुलझाएंगे।
देवेंद्र चौधरी, एसडीएम, लवकुशनगर
ऐसे गांव जो वन और राजस्व के बीच उलझे हैं उनको लेकर राजस्व अधिकारी जांच पड़ताल करा रहे हैं। जल्द ही इस तरह की समस्या भी दूर की जाएगी।
सर्वेश सोनवानी, डीएफओ, छतरपुर