बमीठा। ग्राम पंचायत ओंटापुरवा में गांव के लोगों को काम देने की बजाय मशीनों से मनरेगा के काम कराए जा रहे हैं। वहीं मजदूरों के नाम से फर्जी मस्टर भरकर राशि निकाली जा रही है। इसे लेकर नाराज स्थानीय मजदूरों ने इस मामले की जांच कर कार्रवाई की मांग की है।
जानकारी के अनुसार ग्राम पंचायत ओंटापुरवा के रतन पुत्रा सिरदारव अहिरवार के नाम से वर्ष 2018-19 में एक कूप स्वीकृत हुआ था। इसका निर्माण भी कराया गया। वर्तमान में इसी कूप को ध्वस्त करके यहां मनरेगा के तहत मशीन से खेत-तालाब का निर्माण कराया गया है। इतना ही नहीं निर्माण एजेंसी ने मशीन से काम कराने के बावजूद श्रमिकों के नाम से फर्जी मस्टरों को भरकर राशि भी निकाल ली है। बताया गया है कि पिछले सप्ताह सोमवार से शनिवार तक कुल 147 मजदूरों द्वारा काम करना दर्शाकर फर्जी मस्टर भरा गया है, जबकि इस काम में किसी भी मजदूर ने काम ही नहीं किया है। एक ओर प्रशासन ने मनरेगा के काम मशीन से न कराके कोरोना काल में महानगरों से अपने गांव लौटे मजदूरों से काम कराके उन्हें गांव में ही रोजगार और रोटी देने के स्पष्ट निर्देश जारी किए हैं, पर निर्माण ऐजेंसी पर सारे निर्देश बेअसर हैं। मजबूरी में अब गांव से मजदूर काम की तलाश में फिर से पलायन करने का मन बनाने लगे हैं।
वर्जन--
इस संबंध में जानकारी आपके द्वारा मिली है। मैं अधिकरियों को मौके पर भेजकर इस मामले की जांच प्रमुखता से कराता हूं। यदि आरोप सही पाए गए तो संबंधितों पर नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी।
प्रतिपाल सिंह बागरी
सीईओ, जनपद पंचायत राजनगर