छतरपुर(नईदुनिया प्रतिनिधि)।इन दिनों तेज सर्दी के कारण फसलों पर पाले का खतरा बढ़ गया है। इसे लेकर चिंतित किसानों को कृषि विभाग के अधिरियों ने सलाह देते हुए कहा है कि रबी की फसल को पाले से बचाने के लिए किसान खेत की मेड़ पर धुआं करें, सिंचाई करें और गंधक के हल्के तेजाब का छिड़काव करें।
उपसंचालक कृषि मनोज कश्यप ने किसानों से कहा है कि अगले दो दिनों तक जिले में शीतलहर के साथ तापमान में कमी रहने की संभावना है। जिससे रबी की फसलों को शीतलहर एवं पाले से नुकसान का खतरा बना है। जब तापक्रम 5 डिग्री से कम होने लगे तब पाला पड़ने की संभावना बढ़ जाती है। हवा का तापमान जमाव बिन्दु से नीचे गिर जाए, दोपहर बाद अचानक हवा चलना बंद हो जाए और आसमान साफ रहे या उस दिन आधी रात से ही हवा रूक जाए, तो पाला पड़ने का खतरा बढ़ जाता है। उन्होंने कहा है कि रात को विशेष कर तीसरे व चौथे प्रहर में पाला पड़ने की संभावना रहती है। ऐसे में रात को सिंचाई करने से तापमान 2 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ जाता है, जिससे पाले का खतरा कम हो जाता है। उन्होंने कहा है कि पाले से सबसे अधिक नुकसान नर्सरी में होता है। नर्सरी के पौधों को रात में प्लास्टिक की चादर से ढंक दें तो प्लास्टिक के अंदर तापमान 2-3 डिग्री सेल्सियस बढ़ जाने से सतह का तापमान जमाव बिंदु तक न पहुंचने से पौधे पाले से बच जाते हैं। पॉलीथीन की जगह पर पुआल का इस्तेमाल भी किया जा सकता है।
खेत की मेंड़ों पर धुआं करें:
उपसंचालक कृषि मनोज कश्यप ने फसल को पाले से बचाने के लिए अपने खेतों की मेड़ो पर घास-कचरा जलाकर धुआं करने की सलाह देते हुए बताया है कि इससे तापमान जमाव बिंदु तक नहीं गिर पाता और पाले का खतरा टाला जा सकता है। इसके साथ ही जिस दिन पाला पड़ने की संभावना हो तब फसलों पर गंधक के तेजाब के 0.1 प्रतिशत घोल का छिड़काव कर सकते हैं। इसके लिए एक लीटर गंधक के तेजाब को 1000 लीटर पानी में घोलकर एक हैक्टेयर क्षेत्र में प्लास्टिक के स्प्रेयर से छिड़का करें, जिसका असर दो सप्ताह तक रहने से फसल सुरिक्षत रह सकती है।