चंदला। नईदुनिया न्यूज
स्थानीय शासकीय महाविद्यालय में प्राचार्य की लापरवाही के कारण छात्रों की पढ़ाई और व्यवस्थाओं को ग्रहण लग गया है। दरअसल प्राचार्य यहां स्थाई रूप से न रहकर छतरपुर से कभी कभी अप-डाउन करते हैं। इसका सीधा असर महाविद्यालय के प्रबंधन पर पड़ रहा है।
अंधेर नगरी-चौपट राजा वाली कहावत स्थानीय महाविद्यालय पर फिट हो रही है। यहां प्राचार्य छात्रों की पढ़ाई और महाविद्यालय की व्यवस्थाओं की अनदेखी कर रहे हैं, वहीं स्टाफ भी अपनी मर्जी का मालिक बन गया है। जिससे यहां पढ़ाई के साथ-साथ अन्य गतिविधियां व प्रबंधन प्रभावित हो रहा है। पढ़ाई पर असर पड़ने से छात्र और उनके अभिभावक चिंतित हैं। सूत्रों की मानें तो प्रभारी प्राचार्य नीतेन्द्र वर्मा किसी न किसी बहाने से अधिकांश दिन छतरपुर में अपने घर में ही रहकर वहीं से चंदला का कालेज चलाते हैं। उनकी यह कार्यशैली नगर में चर्चा का विषय है। यहां बता दें कि प्रशासन के स्पष्ट निर्देश हैं कि सभी शासकीय सेवक अपने कार्यस्थल वाले मुख्यालय पर ही निवास बनाएं, मगर ये निर्देश प्राचार्य के लिए बेमानी हैं। वे जब से चंदला में पदस्थ हुए हैं तब से चंदला में किराए का कोई घर न लेकर साहब कालेज के एक कक्ष में निवास के नाम पर ताला डाले हैं, वहीं शासन से किराया भत्ता भी ले रहे हैं। लोगों का कहना है कि उच्च शिक्षा विभाग में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है कि कोई प्रभारी प्राचार्य कालेज कक्ष में ही निवास के नाम पर ताला लगाकर शासन से फर्जी तरीके से किराया भत्ता ले।
प्राचार्य के रवैए पर जताई नाराजगीः
चंदला महाविद्यालय का स्टाफ भी प्राचार्य की कार्यशैली से हैरान है, मगर विभागीय बात होने के कारण मौन है। वहीं छात्र और उनके अभिभावक प्राचार्य की मनमानी पर नाराजगी जता रहे हैं। कांग्रेस के पूर्व विधानसभा अध्यक्ष राकेश शुक्ला का कहना है कि पहले उच्च शिक्षा की पढाई के लिए छात्र-छात्राओं को बस से लवकुशनगर या छतरपुर के महाविद्यालयों में पढ़ने के लिए जाना पड़ता था। शासन ने यहां महाविद्यालय खोला, उसका अच्छा खासा भवन भी बन गया। कालेज के प्रबंधक के रूप में जब से अंग्रेजी विषय के सहायक प्राध्यापक नीतेन्द्र वर्मा को प्रभारी प्राचार्य बनाया तभी से प्रबंधन पर सवाल खड़े हो रहे हैं। वे चंदला में न रहकर छतरपुर से ही कालेज चलाते हैं जो सरासर गलत है। उनके इस रवैये से महाविद्यालय की व्यवस्थाओं व पढ़ाई पर असर पड़ने से बच्चों के भविष्य पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
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इनका कहना है-
मैं पूरा कार्य नियमानुसार कर रहा हूं। यदि किसी को मेरी कार्यशैली से परेशानी है तो वह मुझसे लिखित में जवाब मांगे मैं तभी इस बारे में बात करूंगा।
नीतेन्द्र वर्मा
प्रभारी प्राचार्य, शा. महाविद्यालय चंदला