छतरपुर(नईदुनिया प्रतिनिधि)।जिले की ग्राम पंचायतों में विकास कार्यों में मनमाने तरीके से अनियमितता और अनुपयोगी कार्य कराके जहां सरकारी बजट को चूना लगाया जा रहा है, वहीं पंचायत प्रतिनिधि हर काम में कमाई के चक्कर में कायदे कानून ताक पर रखकर बेपरवाह हैं। न उन्हें जांच की चिंता है, न अधिकारियों का डर है।
ग्राम पंचायतों में सरंपच, सचिव और ग्राम रोजगार सहायक की तिकड़ी का बेलगाम राज चल रहा है। अब जबकि पंचायतों का कार्यकाल पूरा होने के बावजूद अभी तक चुनाव नहीं हो पा रहे हैं। ऐसे में इस तिकड़ी को मनमानी करने की खुली छूट मिल गई है। पहले भी ऐसे तमाम काम कराए गए जिनमें कमाई का रास्ता नजर आया। यहां तक कि कई अनुपयोगी काम भी करा दिए गए हैं, ऐसे निर्माण कार्य कराके जिम्मेदारों ने अपना-अपना हिस्सा तो ले लिया पर ये निर्माण कार्य अनुपयोगी पड़े-पड़े बर्बादी की कगार पर हैं। मनरेगा के काम मशीनों से कराके फर्जी मस्टर भरे जा रहे हैं, शिकायतों को अनदेखा करके जिम्मेदार मौन हैं। इसे लेकर ग्रामीणों में नाराजगी है, वहीं कुछ मामलों में अधिकारी दिखावे की कार्रवाई करके अपनी कमी छिपाने में जुटे हैं।
काम नहीं आया 15 लाख का हाटबाजारः
चंदला क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम पंचायत छठीबम्होरी सरपंच-सचिव की मनमानी से भ्रष्टाचार में किसी से कम नहीं है। यहां दो साल पहले बिना सोचे-विचारे ग्राम छठीबम्होरी के बाहर पहाड़ के नीचे 15 लाख की लागत से हाट-बाजार बेहद घटिया तरीके से बनवाकर चूना लगया गया है। इस हाट बाजार का आज तक उपयोग नहीं हो सका है। यहां बेसहरा मवेशियों का डेरा जमा रहता है। यहां बैठकर जुआ खेलने और शराब पीने वालों की आवाजाही बनी रहती है। जो दुकानें बनाई गई हैं, उनके शटर में जंग लगने लगी है और घटिया मसाले के उपयोग के कारण दो साल में ही दीवारों में दरारें आ गई हैं। पूरा हाटबाजार स्थल गंदगी से पटा पड़ा है। इतना ही नहीं गांव के पंचायत भवन की हालत देखने से ऐसा लगता है कि यहां न कभी सफाई होती है, न कोई बैठता है। पंचायत भवन की दीवारों पर काई लग चुकी है, खिडकियों के ऊपर छज्जे पर घास उग आई है। जबकि पंचायत भवन के मेंटेनेंस के नाम पर अकसर राशि मंजूर कराके हजम कर ली जाती है।
बंधीकला में नाली और सीसी रोड में बड़ा घोटालाः
छतरपुर जिले की ग्राम पंचायत बंधीकला में नाली और सीसी रोड में बड़ा घोटाला किया गया है। 10 लाख की लागत से नाली निर्माण और 40 लाख की लागत से सीसी रोड के निर्माण में जमकर भ्रष्टाचार किया गया है। यहां भी सरपंच, सचिव व रोजगार सहायक की तिकड़ी ने जमकर मनमानी करके अपने हाथ बनाए हैं। मजे की बात तो ये है कि नाली व सीसी रोड में मनमानी की शिकायत के बाद जिम्मेदार अधिकारी जांच मंें लीपापोती करने में जुटे हैं। शिकायतकर्ता हरिओम त्रिपाठी अध्यक्ष दीनदयाल अंत्योदय निगरानी समिति सहित लोगों का कहना है कि जांच अधिकारी अपना किया कराया छिपाने की कोशिश में हैं। इसी कारण जांच चलने के दौरान ही सरपंच व सचिव ने नाली निर्माण का पूरा भुगतान भी कर दिया है, जिसमें बड़ा खेला किया गया है। आरोप है कि नाली निर्माण में मूल्यांकन से अधिक राशि निकाली गई है।
चौहानी पंचायत में मनरेगा व निर्माण कार्य में मनमानीः
गौरिहार जनपद पंचायत के अंतर्गत ग्राम पंचायत चौहानी में मनरेगा व नाली निर्माण कार्य में मनमानी करने में यहां के सरपंच, सचिव व रोजगार सहायक की तिकड़ी किसी से पीछे नहीं रही हैं। पंचायत चौहानी में गांव के मजदूरों को काम न देकर मशीन से नाली की खुदाई कराके ठेकेदार ने उल्टे बहाव की नाली बना डाली। मनरेगा के इस कार्य में फर्जी मास्टर रोल भरकर राशि निकालने की शिकायतें आम हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि जनपद पंचायत गौरहार सीईओ ने इसे अनदेखा करके मनमानी करने वालों को खुला संरक्षण दे रखा है। इसी तरह मनुरिया पंचायत में भी मनरेगा से तालाब निर्माण का काम जेसीबी मशीन से कराया गया हैं। इसकी भी शिकायत की गई पर जिम्मेदारों ने इसे अनदेखा करके जांच के नाम पर मौन हैं। यही मौन चर्चा का विषय बना है।
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इनका कहना है-
ग्राम पंचायतों में मनमानी, गुणवत्ताहीन व अनुपयोगी कार्य कराके भ्रष्टाचारी की शिकायतें मिली हैं। उनकी जांच कराई जा रही है, जांच में संदेह होने पर क्रास चेक कराया जा रहा है। कई दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जा चुकी है। सभी गड़बड़ियों की जांच कराके कार्रवाई की जाएगी।
अमर बहादुर सिंह
सीईओ, जिला पंचायत छतरपुर