
छिंदवाड़ा। छिन्दवाड़ा के सपूत शहीद मेजर अमित की गाथा जिले में सदियों तक गूंजती रहेगी। मिल बांचें मध्यप्रदेश के अन्तर्गत शासकीय प्राथमिक शाला सर्रा में मेजर अमित ठेंगे की वीरगाथा का वाचन समाजकार्य से जुड़े महेन्द्र खरे द्वारा किया गया। बचपन में अमित को राजा के नाम से पुकारा जाता था, अमित का जन्म 19 अप्रैल 1982 को हुआ था। विद्या निकेतन में प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त करने पश्चात् उत्कृष्ट विद्यालय में पढ़ाई की। इनकी मॉं का नाम श्रीमती लता ठेंगे एवं पिता का नाम मधुकरराव जी ठेंगे है। सेना में महत्वपूर्ण पदों पर रहते हुए उल्लेखनीय कार्य किए। बच्चों को बताया कि सीमा से 6 किलोमीटर दूर हिमालय की अति दुर्गम पहाड़ियों पर अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते हुए दो आंतकवादियों को ढेर कर तीन गोलियों के शिकार हो गए, यह समय 13 जुलाई 2010 को शाम 06ः28 बजे का था। घायल अवस्था में अमित को साथियों द्वारा राजौरी सैनिक अस्पताल लाया गया, जहां सघन चिकित्सा के दौरान अमित वीरगति को प्राप्त हुए। विद्यालय के बच्चों ने अमित की वीरगाथा से संबंधित कई सवाल किए। मिल बॉंचे में कार्यक्रम में पहॅुंचे महेन्द्र खरे ने बच्चों के सवाल के जवाब दिए एवं वीरगाथा के महत्वपूर्ण अंशों को पढ़कर सुनाया। इस अवसर पर शाला की प्रधान पाठक शीला यादव, शिक्षक निरूपमा माथनकर, एवं स्नेहलता दुबे ने बच्चों की पढाई के स्तर से अगत कराया। छात्रा नीकीता दुबे, पिंकी डांगे, शिवानी, परी यादव ने कविता पाठ किया। छात्र सूरज कहार ने देश हमारा सबसे प्यारा गीत गाया। उल्लेखनीय है कि वीरगाथा के प्रमुख संपादक वरिष्ठ साहित्यकार एवं शिक्षाविद् स्व। विमल सिंह सिसोदिया है, वीरगाथा का प्रकाशन मध्यप्रदेश शिक्षक संघ ने किया था। इसके साथ ही चतुर खरगोश कहानी भी बताई गयी जिसका उद्देश्य साहस और धैर्य से कार्य करना चाहिए कितनी भी कठिनाई हो हमें घबराना नहीं चाहिए।
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मिल-बांचें के अन्तर्गत विशेष आयोजन