छिंदवाड़ा। नागपुर रेलमार्ग पर स्थित लिंगा रेलवे स्टेशन पर रैक पाइंट निर्माण का कार्य शुरू हो गया है। इस रैक पाइंट को बनने में चार माह का समय लगेगा जिसके बाद जिले के व्यापारी इस रैक पाइंट का फायदा ले सकेंगे। वर्तमान में रेलवे ने पहले मुख्य सड़क मार्ग से स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर तीन तक बड़े वाहनों के पहुंचने के लिए मार्ग बनाने का कार्य शुरू कर दिया गया है। पूर्व में निरीक्षण के दौरान अधिकारी ही जनवरी से मालगाड़ी लोडिंग होने की बात कर चुके हैं। वर्तमान में जिले के व्यापारी परासिया व छिंदवाड़ा रेलवे स्टेशन से अपना माल मालगाड़ी में लोडिंग करते आ रहे हैं। सीजन के समय व्यापारियों को मालगाड़ी की बुकिंग भी नहीं मिल पाती थी जिसका सबसे बड़ा कारण रैक पाइंट की संख्या कम होना है लिंगा में रैक पाइंट बनने से व्यापारियों की यह समस्या खत्म हो जाएगी। छिंदवाड़ा के रैक पाइंट पर हमेशा वाहनों की लाइन लगी रहती थी जिसके कारण वहां पर जाम की स्थिति बनती थी। लिंगा रैक पाइंट बनने से इस समस्या का समाधान हो जाएगा।
- चौरई और झिलमिली में भी बन सकता है रैक पाइंट
रेलवे लिंगा के बाद चौरई और झिलमिली रेलवे स्टेशन पर भी रैक पांइट की संभावना तलाश रहा है। कुछ दिनों पूर्व ही सीनियर डीसीएम व अन्य अधिकारियों ने झिलमिली एवं चौरई रेलवे स्टेशन का निरीक्षण कर रिपोर्ट तैयार की है। चौरई और झिलमिली स्टेशनों पर रैक पांइट बनाने पहले ही योजना बनाई जानी थी। वर्तमान में दोनो ही रेलवे स्टेशन का कार्य चल रहा है, लेकिन रैक पाइंट अभी स्वीकृत नहीं है। दोनों स्टेशनों की हाइट कुछ ज्यादा है। ऐसे में रैक पाइंट बनाने को लेकर कई बदलाव करने पड़ेंगे। जबलपुर ब्राडगेज लाइन का कार्य चल रहा है ऐसे में इस मार्ग पर रैक पाइंट बनने से व्यापारी अपना माल जबलपुर व उससे आगे पहुंचा सकेंगे।
- जिले से बांग्लादेश जाती है रैक
जिले में मक्के की बंपर पैदावार होती है इस मक्के पर देश के साथ ही अन्य देशों की भी नजर रहती है। जिले में होने वाला मक्का स्टार्च व पोल्ट्री उद्योग में सबसे ज्यादा उपयोग होता है इस वर्ष जिले का मक्का बांग्लादेश भी पहुंचाया गया है। छिंदवाड़ा रेलवे स्टेशन के रैक पाइंट से कई रैक मक्के की लगी है। लॉकडाउन के दौरान रेलवे को सिर्फ मालगाड़ी ने ही कमाई करके दी है। वर्तमान में कई स्थानों पर रैक पाइंट स्थापित कर रेलवे अपनी आय बढ़ाना चाह रही है।