छिंदवाड़ा। जिले से दो बार हावड़ा तक स्पेशल किसान ट्रेन के बाद अब रेलवे ने नई किसान ट्रेन चलाने की कार्ययोजना तैयार की है। रेलवे द्वारा प्रायोगिक तौर पर छिंदवाड़ा से असम के तिनसुकिया नई किसान ट्रेन चलाने पर विचार किया जा रहा है। भारतीय रेलवे द्वारा पार्सल लदान को बढ़ाने के लिए समय-समय पर कई उपाय एवं कार्य किए जा रहे हैं। दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे नागपुर मंडल द्वारा किसानों को राहत देने के उद्देश्य से विशेषकर फल-सब्जी व त्वरित ख़राब होने वाले पार्सल पर ध्यान केंद्रित करते हुए पार्सल के लदान में दो बार किसान रेल चलाई गई। रेलवे का तर्क है कि इस ट्रेन को लगातार चलाने की मांग की जा रही है इसी तर्ज पर अब दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे नागपुर मंडल द्वारा छिंदवाड़ा से तिनसुकिया तक ट्रेन चलाने पर विचार किया जा रहा है। दक्षिण पूर्व मध्य नागपुर मंडल ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर उक्त जानकारी में बताया कि मनिंदर उप्पल मंडल रेल प्रबंधक दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के मार्गदर्शन में इस ट्रेन को चलाने पर विचार किया जा रहा है।
- औद्योगिक व वाणिज्यिक केंद्र है तिनसुकिया
तिनसुकिया देश के असम प्रदेश का एक छोटा सा शहर है, जो असम राज्य का एक प्रमुख व्यापारिक केंद्र भी है। यह असम की राजधानी गुवाहाटी से 486 किमी की दूरी पर उत्तर पूर्व में और अरुणाचल प्रदेश की सीमा से 84 किमी दूरी पर स्थित है। औद्यागिक व वाणिज्यिक केंद्र जहां पर कृषि उत्पादों जैसे चाय, संतरे, अदरक व धान की भारी पैदावार के साथ ही अने उद्योग भी है। तिनसुकिया असम का सबसे बड़ा रेलवे स्टेशन भी है।
- नए रूट पर ट्रेन से फायदा
ट्रेन इतवारी, गोंदिया, रायपुर, खड़गपुर, मालदा तक सप्ताह में एक या दो बार स्पेशल पार्सल ट्रेन का प्रायोगिक तौर पर ट्रेन का परिचालन पर विचार किया गया है। इस ट्रेन के माध्यम से अधिक से अधिक मात्रा में फल, सब्जियों की ढुलाई लंबी दूरी तक की जा सकेगी। रेलवे का दावा है कि जिससे किसानों की आय दुगनी होगी। छिंदवाड़ा से तिनसुकिया के पार्सल ट्रेन का ठहराव नागपुर मंडल के अंतर्गत इतवारी, भंडारा, गोंदिया, डोंगरगढ़, राजनांदगांव आदि स्टेशनों में किया जाना विचाराधीन है।
- किसान व व्यापारियों की मांग
किसान पूर्व से मांग करते आ रहे हैं कि उन्हें ट्रेन से सब्जियां व खाद्य सामग्री भेजने का फायदा तभी होगा जब वह ट्रेन में साथ जाएंगे। किसानों का कहना यह भी है कि स्टापेज अधिक देर होने से कच्चा माल के खराब होने की संभावना बढ़ जाती है। किसानों एवं व्यापारियों का कहना है कि अगर वह इस स्पेशल ट्रेन के साथ जाएंगे तो वह वहां के व्यापार को समझ पाएंगे और फिर वहां का सामान बुक कराकर ला पाएंगे। नई ट्रेन के विचार के बाद कई बदलाव की संभावनाएं भी जताई जा रही हैं।
- ट्रेन में बुकिंग नहीं मिलने से बना संशय
तीसरी बार ट्रेन दौड़ती है या नहीं उस पर अभी रेलवे विचार कर रहा है। सबसे बड़ा कारण छिंदवाड़ा से लगेज की बुकिंग नहीं मिलना है। पहली बार किसान स्पेशल ट्रेन 28 अक्टूबर को रवाना हुई थी 52 टन सामग्री लोडिंग मिली थी। जबकि वापसी में 40-40 किलों के दो पार्सल भर आए थे। वहीं दूसरी बार ट्रेन दो दिसंबर को रवाना हुई थी इस दौरान 10 टन सब्जी तथा 46 टन सौंसर से संतरा लोडिंग किया गया था तथा वापसी में यह ट्रेन खाली आई थी।