छिंदवाड़ा। नववर्ष के कारण कृषि उपज मंडी कुसमेली में तीन दिन का अवकाश रखा गया था, जिसके बाद सोमवार को मंडी खुलते ही मक्का की आवक बढ़ गई। तकरीबन 27 हजार क्विंटल मक्का मंडी में बिकने आया था। इस दौरान किसान को अधिकतम 1250 रुपये प्रति क्विंटल का भाव मिला। किसानों को उम्मीद थी कि नए वर्ष में किसानों को मक्के का भाव 1500 रुपये प्रति क्विंटल तक मिलेगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। मक्के का भाव 1250 रुपये से ज्यादा बढ़ ही नहीं रहा है। व्यापारियों के गोदामों में भी खरीदी हो रही है, लेकिन वहां भी किसानों को भाव नहीं मिलने से प्रशासन के प्रति किसानों में नाराजगी बनी हुई है। कई किसानों की मक्के के गुणवत्ता अच्छी होने के बाद भी उन्हें सामान्य मक्के का भाव मिला रहा है। किसान हमेशा से अपनी नाराजगी मंडी प्रशासन के सामने जाहिर करते आ रहे हैं। कुसमेली मंडी में व्यापारियों में अच्छा तालमेल है, जिसके कारण वह ज्यादा भाव में मक्का नहीं खरीदते हैं।
- प्रभारी सचिव के भरोसे मंडी
वर्तमान में कुसमेली मंडी की व्यवस्था पूर्णतः बिगड़ी हुई है, जिसके कारण किसानों व हमालों को परेशान होना पड़ रहा है। वर्तमान में सचिव का प्रभार निरीक्षक आरडी अहिरवार के पास है, जिनकी कार्यशैली पर हमेशा से सवाल खड़े होते हैं। मंडी बोर्ड उप संचालक स्तर का अधिकारी ए-क्लास मंडी का सचिव होता है, लेकिन लंबे समय से निरीक्षक कुसमेली मंडी सचिव का प्रभार संभाल रहा है। व्यापारियों व किसानों को उनसे हमेशा शिकायत रहती है कि प्रभारी सचिव प्रांगण में ऑक्शन शेड तक नीलामी के दौरान जाते ही नहीं है। किसानों द्वारा शिकायत करने पर वह कोई कठोर कदम भी नहीं उठाते हैं। आवक बढ़ते ही शेड में व्यापारियों का अनाज रख दिया जाता है, जिसे हटवाने के लिए प्रभारी सचिव कठोर कदम नहीं उठाते हैं।
- दो गुटों में बंट गई मंडी
कुसमेली मंडी में कई निरीक्षक हैं,जो प्रभारी सचिव का पद पाने के लिए राजनीतिक एप्रोज लगा रहे हैं। सचिव पद पाने के चक्कर में मंडी के अधिकारी व कर्मचारी दो गुटों में बट गए हैं। जिसके कारण मंडी का कार्य प्रभावित हो रहा है। कई कर्मचारियों की ड्यूटी कुसमेली मंडी में होने के बाद भी वह गुरैया सब्जी मंडी में आकर बैठे रहते हैं। वर्तमान में जिले की मंडियों में पदस्थ कर्मचारी भी कुसमेली मंडी में अपनी पदस्थापना कराने मंडी बोर्ड व डीएस कार्यालय जबलपुर के चक्कर लगा रहे हैं।
वर्जन
सोमवार को मंडी में मक्का की आवक 27 हजार क्विंटल रही। किसानों को सोमवार को अधिकतम भाव 1250 रुपये प्रति क्विंटल तक मिला है। मंडी कर्मचारियों का हमेशा प्रयास रहता है कि किसानों को ज्यादा से ज्यादा गुणवत्ता के हिसाब से भाव मिलें। जिन किसानों को भाव कम मिल रहे हैं, वह मंडी कार्यालय में अपना आवेदन देकर नीलामी निरस्त करवा सकते हैं।
आरडी अहिरवार, प्रभारी सचिव, कृषि उपज मंडी कुसमेली, छिंदवाड़ा।