
नईदुनिया प्रतिनिधि, छिंदवाड़ा। कोल्डरिफ कफ सीरप से छिंदवाड़ा, पांढुर्णा और बैतूल जिले में 24 बच्चों की मौत के मामले की जांच में पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है। एसआईटी ने कोल्डरिफ सीरप कंपनी के लिए एमआर का काम करने वाले सतीश वर्मा को हिरासत में लिया है। पुलिस ने उसे उसके कुकड़ा जगत स्थित निवास से पकड़ा।
पुलिस को मिला अहम सुराग
बताया जा रहा है कि मुख्य आरोपित डॉ. प्रवीण सोनी से पूछताछ के बाद पुलिस को यह अहम सुराग मिला। डॉ. सोनी की आज परासिया स्थित स्थानीय अदालत में पेशी होगी। उनके वकील जमानत के लिए हाई कोर्ट में भी प्रयास कर रहे हैं। माना जा रहा है कि एमआर से पूछताछ में और अहम खुलासे हो सकते हैं।
इस मामले में पहले ही पांच मुख्य आरोपित जेल में बंद हैं जी. रंगनाथन (श्रीसन फार्मास्यूटिकल्स के मालिक), डॉ. प्रवीण सोनी (शिशु रोग विशेषज्ञ), के. माहेश्वरी (केमिकल एनालिस्ट), सौरभ जैन (फार्मासिस्ट) और राजेश सोनी (ड्रग सप्लायर)। हाल ही में कंपनी मालिक जी. रंगनाथन को 10 दिन की पुलिस रिमांड के बाद न्यायिक हिरासत में जेल भेजा गया। रिमांड के दौरान पुलिस उसे तमिलनाडु भी लेकर गई थी। खास बात यह रही कि रंगनाथन ने कोर्ट में खुद ही अपनी पैरवी की और खुद को बेकसूर बताया।
बड़ी कार्रवाई
जांच में सामने आया कि बच्चों को दिए गए सीरप में जहरीला तत्व मिला हुआ था, जिसके कारण उनकी किडनी फेल हो गई। राज्य सरकार ने इस मामले में दो औषधि निरीक्षकों और एफडीए के एक उप निदेशक को निलंबित कर दिया था, साथ ही राज्य औषधि नियंत्रक का तबादला भी किया गया।