उज्ज्वल शुक्ला, नईदुनिया, छिंदवाड़ा। छिंदवाड़ा में 23 बच्चों की मौत से हड़कंप मचा हुआ है। इस मामले में परासिया के शासकीय चिकित्सक प्रवीण सोनी को गिरफ्तार कर लिया गया है। यहां पर बच्चों को अमानक कफ सीरप लिखने वाला डॉक्टर सोनी अकेला नहीं है। डॉक्टर अमन सिद्दीकी और डॉक्टर अमित ठाकुर भी ये दवा कई बच्चों को लिखते थे।
इन दोनों डॉक्टरों से इलाज करा रहे कुछ बच्चों की भी मौत हो चुकी है या वे नागपुर में जिंदगी बचाने का संघर्ष कर रहे हैं। बच्चों के परिजनों ने एफआईआर में इन दोनों डॉक्टरों का नाम भी लिखवाया है। एक डॉक्टर के गिरफ्तार होने और दो डॉक्टरों के कार्रवाई के डर से इलाज बंद कर देने से परासिया में वर्तमान में एक भी शिशु रोग विशेषज्ञ नहीं है।
इस मामले में परासिया में ही कार्यरत डाक्टर ठाकुर और डॉक्टर सिद्दकी पर अब तक कोई कारवाई नहीं हुई है, जबकि दोनों चिकित्सकों ने इलाज बंद कर दिया है। इस मामले में मृत बच्ची ऋषिका पिपरे के स्वजन ने आरोप लगाया है कि हमारी बच्ची का इलाज डॉक्टर ठाकुर ने ही किया था। एक और बच्चे मयंक के पिता नीलेश सूर्यवंशी भी डॉक्टर अमित ठाकुर पर कोई कार्रवाई नहीं होने की बात कह रहे हैं।
ऐसे में सवाल उठ रहा है कि जांच का दायरा आगे क्यों नहीं बढ़ पा रहा है। ऐसी चर्चा है कि ये दोनों डॉक्टर अग्रिम जमानत करवाने की तैयारी है। डॉक्टर अमन सिद्दीकी के पिता इकबाल सिद्दीकी सरकारी वकील है। वह अपने बेटे को बचाने में प्रयासरत है।
इस बारे में जब कलेक्टर हरेंद्र नारायण ने कहा कि डॉक्टर सोनी के खिलाफ डॉक्टर और मेडिकल स्टोर का गठजोड़ होने के सबूत थे, इस कारण उनकी गिरफ्तारी हो गई है। अन्य डॉक्टरों के खिलाफ सिर्फ परिजनों ने शिकायत की है, कोई दस्तावेज इनके खिलाफ नहीं मिले हैं।
इन दोनों की पतासाजी की जा रही है। हमें अभी इन डॉक्टरों के पर्चे या कोई अन्य दस्तावेज नहीं मिले हैं। इस बारे में जांच चल रही है, जैसे ही कोई दस्तावेज मिलेगा, अन्य संबंधितों पर कार्रवाई की जाएगी। - अजय पांडे, एसपी, छिंदवाड़ा